छत्तीसगढ़ में दृष्टिहीनता की रोकथाम को लेकर बड़ा अभियान, डेढ़ साल में 1.80 लाख मोतियाबिंद ऑपरेशन सफल

रायपुर, । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में दृष्टिहीनता की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। मोतियाबिंद, जो वृद्धावस्था में सामान्य नेत्र रोग है, उसकी सर्जरी अब राज्य के 43 सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नि:शुल्क रूप से उपलब्ध है।
अप्रैल 2024 से जून 2025 तक राज्य में कुल 1.80 लाख से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन किए गए हैं। इनमें से 1,45,580 सर्जरी अप्रैल 2024 से मार्च 2025 और 27,245 सर्जरी अप्रैल से जून 2025 के बीच की गईं। ये कार्य भारत सरकार की राष्ट्रीय नेत्र ज्योति योजना के तहत किए जा रहे हैं, जिसमें हर जिले को कैटरेक्ट ब्लाइंडनेस बैकलॉग फ्री स्टेटस (CBBFS) देने का लक्ष्य रखा गया है।
अब तक 11 जिलों को दृष्टिहीनता मुक्त घोषित करने हेतु दावा भेजा जा चुका है, वहीं कांकेर और बेमेतरा जिलों का सत्यापन कार्य जारी है।
इसके साथ ही, ग्लॉकोमा जैसी जटिल नेत्र बीमारियों की स्क्रीनिंग भी प्राथमिकता पर है, क्योंकि यह धीरे-धीरे दृष्टि हानि का कारण बनती है। राज्य के सभी विकासखंडों में इसकी जांच की सुविधा मौजूद है और 40 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को हर छह महीने में नेत्र परीक्षण की सलाह दी गई है।
नेत्रदान को लेकर भी जनजागरूकता बढ़ी है। अप्रैल 2024 से जून 2025 के बीच कुल 351 नेत्रदान दर्ज किए गए, जिनमें से 263 पिछले वित्तीय वर्ष और 88 चालू वर्ष में हुए। इनसे कॉर्नियल दृष्टिहीनता से पीड़ितों को रोशनी लौटाई जा रही है।
इसके अलावा, राज्य के सभी जिला अस्पतालों में रेटिना, डायबिटिक रेटिनोपैथी, पीडियाट्रिक ऑप्थैल्मोलॉजी सहित कई नेत्र रोगों की विशेष जांच और इलाज भी नि:शुल्क रूप से किया जा रहा है। 1.06 लाख से अधिक मरीजों को पिछले डेढ़ वर्षों में इलाज मिला है।
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता, नियमित स्क्रीनिंग शिविर, आधुनिक उपकरणों और नि:शुल्क सर्जरी सुविधा के माध्यम से छत्तीसगढ़ दृष्टिहीनता मुक्त राज्य की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।