पूर्व सीएम Bhupesh Baghel को सताया गिरफ्तारी का डर, सुप्रीम कोर्ट में दायर की अग्रिम जमानत याचिका…

रायपुर| छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच एजेंसियों की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। यही नहीं, भूपेश बघेल ने खुद को और अपने बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तारी से बचाने के लिए अग्रिम जमानत की भी गुहार लगाई है।
शराब, कोयला और सट्टा एप घोटाले की तीनों परतें...
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर शराब घोटाले के अलावा कोयला आवंटन और महादेव सट्टा एप से भी जुड़े होने के आरोप हैं। तीनों मामलों में जांच CBI और ED कर रही है। खास बात यह है कि भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल पहले से ही ED की हिरासत में हैं।
CBI की छापेमारी और नए कनेक्शन...
कुछ दिन पहले CBI ने भूपेश बघेल और उनसे जुड़े कई वरिष्ठ अफसरों के ठिकानों पर पुलिस बल के साथ छापेमारी की थी। जांच के दौरान एजेंसियों को महादेव सट्टा एप से भी संबंध होने के संकेत मिले। रेड के दौरान कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किए गए, जो चैतन्य बघेल से जुड़े थे।
ED की रिमांड में चैतन्य बघेल...
ED ने जब्त साक्ष्यों और पूछताछ के आधार पर चैतन्य बघेल को शराब घोटाले का प्रमुख कड़ी मानते हुए गिरफ्तार किया। फिलहाल वह ED की रिमांड पर है।
अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण...
CBI और ED की जांच को चुनौती देने के साथ ही भूपेश बघेल ने खुद की और बेटे चैतन्य की गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। इन सभी याचिकाओं पर 4 अगस्त को सुनवाई होगी।
3200 करोड़ का शराब घोटाला: क्या है मामला?
राज्य में 2018 से 2023 के बीच शराब कारोबार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया। शुरुआती जांच में यह घोटाला करीब 2174 करोड़ रुपए का माना जा रहा था, लेकिन जब आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने विस्तृत चार्जशीट पेश की तो यह आंकड़ा 3200 करोड़ से अधिक निकला। चार्जशीट में बताया गया कि 11 अधिकारियों ने अवैध कमाई से अपने रिश्तेदारों के नाम पर कीमती संपत्तियां खरीदीं।