भूपेश बघेल को सुप्रीम कोर्ट से झटका, ED के अधिकारों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज…

नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के विशेष अधिकारों को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में राहत पाने के लिए उन्हें हाई कोर्ट का रुख करना चाहिए।
SC ने ED के अधिकार सही ठहराए...
भूपेश बघेल ने PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 44, 50 और 63 को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि एक बार चार्जशीट दाखिल होने के बाद कोर्ट की अनुमति के बिना दूसरी चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकती, लेकिन ED ने यह प्रक्रिया अपनाए बिना दूसरी चार्जशीट पेश कर दी। साथ ही, धारा 50 के तहत आरोपी से अपने खिलाफ गवाही लेने को उन्होंने न्याय की मूल भावना के खिलाफ बताया।
हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने ED के अधिकारों को सही माना और याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
शराब घोटाले में बघेल परिवार पर शिकंजा...
भूपेश बघेल पर 3200 करोड़ रुपए के कथित शराब घोटाले में ED जांच कर रही है। इसी मामले में उनके बेटे चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें पहले 5 दिन, फिर 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा। 4 अगस्त को रिमांड अवधि खत्म होने से पहले ही कोर्ट ने उन्हें दोबारा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
बघेल का आरोप और ED की कार्रवाई...
पूर्व मुख्यमंत्री का आरोप है कि ED राजनीतिक दबाव में काम कर रही है और जांच प्रक्रिया में कई कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। वहीं, ED का दावा है कि उसके पास मामले में पर्याप्त सबूत हैं और जांच आगे भी जारी रहेगी।