वर्षा नहीं होने का मिला फायदा, कोयला उत्पादन में 24.9 प्रतिशत वृद्धि
कोरबा। देश में कोयला की मांग बढ़ने के साथ ही खदानों में उत्पादन भी बढा दिया गया है। वर्षा की वजह से अगस्त माह में अमूमन कोयला उत्पादन कम होता है, पर इस बार उत्पादन के लिहाज़ से अगस्त माह एसईसीएल के लिए काफी बेहतर रहा और कंपनी ने 118.1 लाख टन कोयला उत्पादन किया, जो गत वर्ष की तुलना में 24.9 प्रतिशत अधिक रहा। वहीं डिस्पैच (प्रेषण) में भी 30 लाख टन (24.6 प्रतिशत) की वृद्धि देखी गई।
कोयला उत्पादन में साऊथ ईस्टर्न कोल फिल़्डस लिमिटेड (एसईसीएल) में कोरबा की मेगा परियोजनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कुसमुंडा मेगा प्रोजेक्ट ने इस माह 28.7 लाख टनकोयला उत्पादित किया, जो गत वर्ष से लगभग 44.5 प्रतिशत अधिक है। वहीं दीपका ने 18.9 लाख टन के साथ गत वर्ष अगस्त की तुलना में 36 प्रतिशत तथा गेवरा एरिया का इस माह का उत्पादन 34.7 लाख रहा, जो गत वर्ष से अधिक है। एसईसीएल के रायगढ़ क्षेत्र ने मासिक आधार पर उत्पादन में 84 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की है वही कोरबा का उत्पादन लगभग 14 प्रतिशत अधिक रहा। इस वर्ष अब तक कम्पनी ने कोल डिस्पैच में 106.3 लाख टन की वृद्धि दर्ज की है तथा समग्र डिस्पैच अब लगभग 80 मिलियन टन जा पहुंचा है।
कंपनी ने अगस्त माह में भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन में भी 7.4 प्रतिशत का इज़ाफ़ा किया है। इसी तरह मिट्टी निकासी (ओबीआर) में कंपनी का ग्रोथ इस माह भी जारी रहा और 8.45 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबीआर के साथ 62.7 प्रतिशत वृद्धि की।इस अवसर पर सीएमडी डा प्रेम सागर मिश्रा व निदेशक मंडल ने सभी अधिकारी कर्मचारियों को भविष्य में भी बेहतर कार्य करते हुए उत्पादन बढ़ाने रखने कहा है, ताकि कंपनी अपना लक्ष्य हासि कर सके। यहां बताना होगा कि कंपनी को इस वर्ष 2000 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य सौंपा गया है।