बस्तर में हर घर तक पहुँचा शुद्ध पानी — जल जीवन मिशन से बदली ग्रामीण जिंदगी, सौर ऊर्जा से जल आपूर्ति में नई क्रांति

छत्तीसगढ़ के घने वनों से आच्छादित और आदिवासी बहुल क्षेत्र बस्तर में अब पेयजल की कमी अतीत बनती जा रही है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की पहल पर जल जीवन मिशन और हर घर जल जैसी योजनाओं के माध्यम से अब ग्रामीण इलाकों में हर घर तक सुरक्षित पेयजल पहुंच रहा है। यह न केवल जल संकट से राहत का प्रतीक है, बल्कि स्वास्थ्य, स्वच्छता और सतत विकास की दिशा में बस्तर की एक नई कहानी भी गढ़ रहा है।
हजारों हैंडपंपों से सुदृढ़ हुआ पेयजल तंत्र...
पेयजल व्यवस्था की शुरुआत कम आबादी वाले गांवों से की गई, जहाँ हैंडपंपों ने मुख्य स्रोत का काम किया। बस्तर जिले के 614 ग्रामों में कुल 5,106 बसाहटें हैं, जिनमें 13,928 हैंडपंप स्थापित किए गए हैं। इन हैंडपंपों ने ग्रामीणों को न केवल स्वच्छ जल की सुविधा दी है, बल्कि जल प्रबंधन में स्थानीय सहभागिता को भी प्रोत्साहित किया है।

विभाग द्वारा योजनाओं के सावधानीपूर्वक क्रियान्वयन और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि जल स्रोतों का संरक्षण हो और जल बर्बादी रोकी जा सके।
नल जल योजनाओं से गांवों में पहुंचीं शहरी सुविधाएँ...
बस्तर में 140 नलजल योजनाएँ क्रियान्वित की गई हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 55 लीटर पेयजल उपलब्ध करा रही हैं।
इससे ग्रामीण इलाकों में जल की उपलब्धता में व्यापक सुधार हुआ है। जल जीवन मिशन के तहत 614 ग्रामों में 630 योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
कुल 1,71,885 परिवारों को नल कनेक्शन देने का लक्ष्य है, जिनमें से अब तक 79,390 घरों तक पाइप जल आपूर्ति शुरू हो चुकी है। साथ ही 543 उच्च क्षमता वाले जलागारों में से 306 जलागारों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। यह मिशन न केवल पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि स्थानीय समुदायों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक भी कर रहा है।
सौर ऊर्जा से जलापूर्ति में नई दिशा...
बस्तर में जलापूर्ति को सौर ऊर्जा आधारित तकनीक से जोड़ा गया है, जिससे यह पहल और भी पर्यावरण-मित्र बन गई है।
अब तक 718 सोलर ड्यूल पंप स्थापित किए जा चुके हैं। जल जीवन मिशन के तहत 992 नए सोलर पंप प्रस्तावित हैं, जिनमें से 828 पहले ही स्थापित हो चुके हैं और 164 पर कार्य जारी है। कुल 60 सोलर आधारित योजनाएँ सक्रिय रूप से संचालित हैं, जो ग्रामीण इलाकों को स्थायी और विश्वसनीय जल आपूर्ति प्रदान कर रही हैं।
जल गुणवत्ता जांच पर विशेष ध्यान...
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जल की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए सघन निगरानी प्रणाली विकसित की है। जिला जल परीक्षण प्रयोगशाला में 11 पैरामीटरों पर जल की गुणवत्ता जांची जाती है। ग्राम स्तर पर प्रशिक्षित “जल बंधु” फील्ड टेस्टिंग किट से नियमित जांच करते हैं ताकि हर घर में पहुंचने वाला पानी पूर्णतः सुरक्षित हो।

विभाग का लक्ष्य है — हर नागरिक को शुद्ध पेयजल का अधिकार और जल संसाधनों के प्रति जिम्मेदारी की भावना का विकास।
आदिवासी अंचल में विकास और सशक्तिकरण की नई कहानी...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “हर घर जल” विज़न को साकार करती यह पहल बस्तर जैसे दुर्गम इलाके में विकास और सशक्तिकरण की नयी दिशा दे रही है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इन योजनाओं से न केवल पेयजल संकट खत्म हुआ है, बल्कि आदिवासी समुदायों में स्वावलंबन और भागीदारी की भावना भी बढ़ी है।
बस्तर अब सूखे की छाया से मुक्त होकर जल, स्वास्थ्य और विकास के संगम की ओर अग्रसर है। यह सफलता पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक प्रेरक मॉडल बन गई है।
“यह सिर्फ पानी की कहानी नहीं, बल्कि जीवन में आई नई चेतना की कहानी है —
अब बस्तर की हर बूंद, विकास की नई धारा बहा रही है।”



