
बस्तर संभाग के सभी विकासखंडों में आयोजित होने वाले बस्तर ओलंपिक-2025 की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। उप मुख्यमंत्री और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अरुण साव ने वरिष्ठ अधिकारियों और जिला खेल अधिकारियों के साथ बैठक कर आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने विकासखंड स्तरीय आयोजनों पर विशेष ध्यान देने और सभी मूलभूत व्यवस्थाओं—खेल मैदान, आवास, भोजन, यातायात, प्राथमिक चिकित्सा, निर्णायकों और रेफरियों—की अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक में खेल एवं युवा कल्याण विभाग की सचिव यशवंत कुमार, संचालक श्रीमती तनूजा सलाम और सभी जिला खेल अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए।
पंजीयन की संख्या और आयोजन की रूपरेखा...
खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने बताया कि अब तक 3,09,000 से अधिक खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया है। इसमें विभिन्न जिलों का विवरण इस प्रकार है:
- कांकेर: 42,228
- कोंडागांव: 43,333
- दंतेवाड़ा: 44,395
- नारायणपुर: 46,074
- बस्तर: 52,312
- बीजापुर: 40,437
- सुकमा: 40,830
पंजीयन प्रक्रिया 20 अक्टूबर तक जारी रहेगी।
आयोजन की रूपरेखा:
- विकासखंड स्तर: 25 अक्टूबर – 5 नवम्बर
- जिला स्तर: 5 नवम्बर – 15 नवम्बर
- संभाग स्तर: 24 नवम्बर – 30 नवम्बर
प्रचार-प्रसार और पंजीयन में वृद्धि...
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने ग्राम से लेकर जिला स्तर तक प्रचार-प्रसार योजनाओं की समीक्षा की। इसमें शामिल हैं:
- दीवार लेखन और पोस्टर
- मशाल यात्रा और बैनर
- पैंपलेट वितरण
- हाट-बाज़ारों में जागरूकता अभियान
साव ने कम पंजीयन वाले क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाने और पुरुष प्रतिभागियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।

राष्ट्रीय महत्व और गुणवत्ता पर जोर...
श्री साव ने कहा कि बस्तर ओलंपिक अब केवल क्षेत्रीय नहीं रह गया है, बल्कि इसकी ख्याति पूरे देश में फैल चुकी है। उन्होंने
- राष्ट्रीय स्तर के निर्णायकों की भागीदारी
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को प्रेरक स्रोत के रूप में आमंत्रित करने
- विकासखंड से संभाग स्तर तक उच्च गुणवत्ता और समयबद्ध आयोजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
11 खेलों में होगी प्रतिस्पर्धा...
बस्तर ओलंपिक में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल और रस्साखींच में प्रतियोगिताएं होंगी।
- जूनियर वर्ग: बालक और बालिकाएं
- सीनियर वर्ग: पुरुष और महिला
- नक्सल हिंसा के दिव्यांग और आत्मसमर्पित नक्सली भी अपने दमखम का प्रदर्शन करेंगे।

इस आयोजन के माध्यम से बस्तर के युवा न केवल अपने खेल कौशल को दिखाएंगे, बल्कि समाज में खेल और संगठन की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा।