बस्तर में सिंचाई क्रांति: 25 वर्षों में 92 परियोजनाओं से 32 हजार हेक्टेयर जमीन हुई सिंचित

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्षों में बस्तर जिले ने कृषि विकास की दिशा में ऐतिहासिक छलांग लगाई है। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों और जल संसाधन विभाग की योजनाओं से अब बस्तर के खेतों में हर मौसम में फसल लहलहा रही है।
राज्य गठन से पहले जहां जिले में केवल 38 लघु सिंचाई योजनाओं के जरिए 8,907 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती थी, वहीं अब कुल 92 सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से 32,656 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है।
राज्य गठन के बाद सिंचाई क्षेत्र में जबरदस्त विस्तार...
राज्य बनने के बाद बस्तर के किसानों को खेती-किसानी के लिए पर्याप्त जल संसाधन उपलब्ध कराने का लक्ष्य लेकर सरकार ने अब तक 54 नई सिंचाई योजनाएं पूरी की हैं। इनसे 23,749 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित हुआ है, जिसमें 18,129 हेक्टेयर खरीफ और 5,620 हेक्टेयर रबी फसल के लिए उपयोग हो रहा है। इन योजनाओं ने किसानों को द्विफसली खेती की दिशा में प्रेरित किया है, जिससे उनकी आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
कोसारटेडा और टिकरालोहंगा से बदली बस्तर की तस्वीर...
राज्य गठन के बाद बनी कोसारटेडा मध्यम सिंचाई परियोजना, बेदारमुंडा और टिकरालोहंगा तालाब, कुम्हरावण्ड, भालूगुड़ा, बनियागांव जैसी योजनाएं बस्तर के किसानों के लिए वरदान साबित हुई हैं। इसके साथ ही 46 एनीकट और स्टॉपडेम बनाए गए हैं, जिनसे हजारों किसानों की सिंचाई निर्भरता अब बारिश पर नहीं रही।

इन परियोजनाओं से नकदी फसलों का रकबा लगातार बढ़ा है। अब किसान खरीफ में धान के साथ रबी सीजन में मक्का, उड़द, मूंग और सब्जियों की खेती कर रहे हैं, जिससे अतिरिक्त आमदनी हो रही है।
कोसारटेडा जलाशय ने बदली डमरूधर और पीलूराम की किस्मत...
केशरपाल के किसान डमरूधर कश्यप और पीलूराम बघेल बताते हैं कि कोसारटेडा जलाशय से मिलने वाले पानी की बदौलत अब वे रबी सीजन में भी मक्का और सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इससे उनकी आमदनी में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है।

42 नई योजनाएं निर्माणाधीन...
टीडीपीपी जल संसाधन संभाग, जगदलपुर के कार्यपालन अभियंता के अनुसार, वर्तमान में ₹195.36 करोड़ की लागत से 42 नई सिंचाई परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। इनके पूर्ण होने पर 6,790 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित हो सकेगी। इससे बस्तर के किसानों को न केवल स्थायी जल सुविधा मिलेगी, बल्कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।

सिंचाई विस्तार से बढ़ी किसानों की खुशहाली...
इन परियोजनाओं ने बस्तर के किसानों को बारहमासी खेती की दिशा में अग्रसर किया है। अब यहां का किसान आत्मनिर्भर होकर नकदी फसलों, सब्जी उत्पादन और रबी खेती में भी सफलता प्राप्त कर रहा है — जिससे बस्तर कृषि समृद्धि की नई मिसाल बन गया है।



