Chhattisgarh

छत्‍तीसगढ़ के सभी निजी स्कूल आज रहेंगे बंद, आरटीई के पैसे देने सहित इन मांगों को लेकर खोला मोर्चा

रायपुर।  शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के दो वर्ष से लंबित भुगतान सहित आठ सूत्री मांगों को लेकर प्रदेशभर के निजी स्कूल गुरुवार को बंद रहेंगे। स्कूल प्रबंधन छात्रों को मैसेज के माध्यम से स्कूल बंद होने की जानकारी भेज रहे हैं। बहुत सारे निजी स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं, उन्हें स्थगित कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के बैनर तले हो रहे विरोध प्रदर्शन में निजी स्कूल प्रबंधन ने स्कूल शिक्षा विभाग से पैसा बढ़ाने, समय पर पैसा देने सहित आठ सूत्री मांग की है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020-2021 और 2021-22 की लगभग 250 करोड़ राशि अब तक जारी नहीं की है। राशि नहीं मिलने से छोटे स्कूलों के संचालन में परेशानी हो रही है। एसोसिएशन स्कूल शिक्षा विभाग को अपनी आठ सूत्री मांगों को पूरा करने के लिए पत्र लिखा है। मांग नहीं पूरी होने पर आंदोलन चरणबद्ध तरीके से करेंगे। दूसरे चरण में 21 सितंबर को रायपुर में प्रदेश के सभी निजी स्कूल संचालक एकजुट होंगे और विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।

आरटीई के लंबित भुगतान के लिए निजी विद्यालय कर सकेंगे दावा

शिक्षा का अधिकार अधिनियम(आरटीई) के तहत जिन निजी स्कूलों का दो सत्र 2020-21 और 2021-22 का राशि भुगतान नहीं हुआ है। उनके पैसे के भुगतान के लिए लोक शिक्षण संचालनालय आरटीई पोर्टल खोलने का निर्णय लिया है। वर्ष 2020-21 के लंबित भुगतान दावा के लिए 21 और 22 सितंबर 2023 को और वर्ष 2021-22 के लंबित भुगतान दावा के लिए 25 और 26 सितंबर 2023 तक पोर्टल खोला जाएगा। शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे को बकाया राशि के भुगतान के लिए ज्ञापन सौंपा ढाई करोड़ रुपये निजी स्कूलों का बकाया है। लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संबंध में समस्त निजी विद्यालयों को सूचित कर दिया है।

स्कूलों ने समय पर नहीं किया दावा

अफसरों ने बताया कि जिन निजी स्कूलों का भुगतान लंबित है। उनकी ओर से निर्धारित समय पर दावा नहीं किया गया था। वर्ष 2020-21 में सेंट्रल हेड (कक्षा एक से आठवीं) में 162 निजी विद्यालय एवं स्टेट हेड (कक्षा नौवीं से बारहवीं) में 147 निजी विद्यालयों के द्वारा समय पर दावा नहीं किया गया है, जिनका भुगतान लंबित है। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में सेन्ट्रल हेड (कक्षा एक से आठवीं) में 62 निजी विद्यालय एवं स्टेट हेड (कक्षा नवमी से बारहवीं) में 103 निजी विद्यालयों ने दावा नहीं किया, इसके कारण इनका भुगतान लंबित है।

प्रदेश में साढ़े छह हजार से ज्यादा निजी स्कूल

स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में साढ़े छह हजार से ज्यादा निजी स्कूल हैं। इन स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश दिया जाता है। बच्चों की फीस निजी स्कूलों को शासन की तरफ से दी जाती है। वर्तमान में प्रदेश के निजी स्कूलों में आरटीई के तहत 2,72,128 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। कुछ स्कूलों ने भुगतान के लिए पोर्टल में आवेदन नहीं किया, इसलिए पैसा नहीं दिया गया है। स्कूलों की मांग के बाद आवेदन पोर्टल खोल दिया गया है।

निजी स्कूल प्रबंधन की ये हैं आठ मांगें

पिछले 12 वर्षों से आरटीई की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इसी वर्ष से वृद्धि की जाए।

स्कूल बसों की पात्रता अवधि छत्तीसगढ़ में 12 वर्ष है। पात्रता अवधि छत्तीसगढ़ में 15 वर्ष किया जाना चाहिए।

निजी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को भी सरस्वती साइकिल योजना का लाभ दिया जाए।

आरटीई की क्षतिपूर्ति राशि को स्कूलों को जल्द दिया जाए।

निजी स्कूलों के सभी खातों को पीएफएमएस के अंतर्गत पंजीकृत किया जाए।

गणवेश की राशि 540 रुपये से बढ़ाकर 2000 की जाए।

निजी स्कूल में अध्ययनरत एसी, एसटी, ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाले प्री मैट्रिक और पोस्ट मीट्रिक छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई जाए।

निजी स्कूलों के अध्यापकों को स्कूली शिक्षा में भर्ती पर बोनस अंक प्रदान किया जाए।

Chaiपुर
Show More

NU Desk

Our Mission NATION UPDATE News is the Best Online News Channel in Chhattisgarh. News is at the very core of an informed citizen, it builds awareness about the happenings around and such awareness can be crucial in taking decisions on a normal working day. At NATION UPDATE News, We believe that every news starts with a voice, a voice with concern that wants to discuss or criticise what’s happening around. So before becoming news, it first becomes the voice of masses, that’s what news is at NATION UPDATE News.

Related Articles

Back to top button

You cannot copy content of this page

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker