Agrawal Samaj Protest : सम्मान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरा समाज, थाना घेराव कर सौंपा ज्ञापन

रायपुर। (Agrawal Samaj Protest) राजधानी रायपुर में मंगलवार को अग्रवाल समाज के सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कोतवाली थाना का घेराव किया। समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर महाराजा अग्रसेन जी, भगवान झूलेलाल जी और राष्ट्रनायकों पर की गई अभद्र टिप्पणी ने पूरे समाज को आहत किया है।
थाना घेराव और ज्ञापन सौंपा गया
कोतवाली थाने में पहुंचे समाजजनों ने अपने नेतृत्वकर्ताओं के साथ पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। ( Social Harmony)
समाज की ओर से कहा गया कि दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह के अमर्यादित व्यवहार की पुनरावृत्ति न हो।
“यह विरोध व्यक्ति नहीं, विचारधारा के विरुद्ध है”
प्रदेश अध्यक्ष किशन अग्रवाल ने कहा कि समाज का यह विरोध किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि उस मानसिकता के खिलाफ है जो समाज और राष्ट्रनायकों की गरिमा को ठेस पहुँचाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि अग्रवाल समाज हमेशा राष्ट्र निर्माण, सेवा और समानता की भावना से जुड़ा रहा है। अगर भविष्य में फिर से ऐसी भाषा का प्रयोग किया गया, तो पूरा समाज प्रदेशव्यापी आंदोलन करने को तैयार रहेगा।
प्रदेशभर में विरोध की लहर
केवल रायपुर ही नहीं, बल्कि रायगढ़, अंबिकापुर, सरगुजा और सराईपाली जैसे कई जिलों में भी अग्रवाल समाज के लोग विरोध में उतर आए।
स्थानीय थानों में समाजजन ज्ञापन देकर FIR दर्ज कराने और दोषियों के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
“महाराजा अग्रसेन भारतीय एकता के प्रतीक हैं”
कार्यक्रम में उपस्थित समाजसेवी योगी अग्रवाल ने कहा, “महाराजा अग्रसेन जी केवल अग्रवाल समाज ही नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए प्रेरणास्रोत हैं। वे समानता, त्याग और सेवा की मूर्ति थे। ऐसे राष्ट्रपुरुषों के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं हो सकता।”
समाज का संदेश: गरिमा से समझौता नहीं
अग्रवाल समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह विरोध समाज की गरिमा और परंपरा की रक्षा के लिए है।
उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए समाज की भावनाओं का सम्मान किया जाए।
संवाद और संवेदना से ही बनेगा सौहार्द्र का पुल
अग्रवाल समाज ने स्पष्ट किया कि उनका मकसद किसी को निशाना बनाना नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सम्मान की रक्षा करना है। समाज ने अपील की कि सभी वर्ग एक-दूसरे की आस्था और आदर्शों का सम्मान करें, ताकि सामाजिक सौहार्द्र (Social Harmony) मजबूत हो सके।



