शराब दुकानों मे फर्जी मार्कशीट से नौकरी लगाने का खेल, बीआइएस ब आबकारी सहायक आयुक्त ने मनमानी कर किया फर्जीवाड़ा…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की अर्थ व्यवस्था में अहम् भूमिका निभाने वाले आबकारी विभाग में इन दिनों काले घने बादल छाए हुए हैं| बता दें कि तत्कालीन आबकारी सहायक आयुक्त विकास गोश्वामी के कार्यकाल के दौरान राजधानी रायपुर में शराब की ओवर रेटिंग की समस्या काफी ज्यादा बढ़ गई थी जिसे देखते हुए सज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विकास गोश्वामी का तबादला दूसरे शहर में कर दिया जिसके बाद रामकृष्ण मिश्रा को रायपुर जिले के उपायुक्त का जिम्मा सौंपा गया|
फ़र्ज़ी डिग्री का है मामला...
इस बार का मामला अवैध शराब बिक्री या कोचियाओं को अधिक मात्रा में शराब परोसने का नहीं है बल्कि इस बार का मामला तो दस्तावेज में छेड़छाड़ कर नौकरी में लगने का है| बता दें कि BIS (बॉम्बे इंटीग्रेटेड सेक्योरिटी कंपनी) जिसे शासन द्वारा राजधानी दुकानों में लड़कों की न्युक्ति का जिम्मा सौंपा गया है| जानकारी के मुताबिक तत्कालीन आबकारी अधिकारी विकास गोश्वामी ने कंपनी के इस कार्य का जिम्मा भी अपने कंधों में उठा रखा था जब तक अधिकारी जी रायपुर में पदस्थ थे तब तक अधिकारी जी के इज़ाज़त के बिना कोई व्यक्ति शराब दुकान में कार्य करने के लिए नहीं लग सकता था फिर चाहे वह कितना भी योग्य क्यों न हो|
अधिकारी जी जिसके सर पर अपना हांथ रख देते थे (फिर वह व्यक्ति योग्य हो या आयोग्य फर्क इससे नहीं पड़ता) उसकी जॉइनिंग तत्काल प्रभाव से हो जाती थी| न ही सही तरीके से उसके दस्तावेज देखे जाते थे और न ही कोई क्रॉस वेरिफिसकशन किया जाता था| इसी का परिणाम है कि आज अधिकांश कर्मचारी दस्तावेजों में हेरफेर कर शराब दुकानों में कार्य कर रहे हैं|
कुछ ऐसे ही दस्तावेज आज हमारे हांथ भी लगे जब हमने इसकी पड़ताल की और मसिम (माध्यमिक शिक्षा मंडल) अधिकारीयों से कुछ दस्तावेजों के बारे में बात की तो पता चला कि संदीप सोनी जो कि वर्तमान में कुर्रा स्थित देसी शराब दुकान में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत है। वहीं जब हमने इसके द्वारा कंपनी में जमा किए गए 10वीं व 12वीं के अंकसूची की पड़ताल की तो पता चला कि यह अंकसूची किसी धीरज भोई नामक व्यक्ति के नाम से है। और यह धीरज भोई नामक व्यक्ति आज के दिनांक में रायपुर के मांढर स्थित कंपोजिट शराब दुकान में सेल्समैन के पद पर कार्यरत है।



वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक BIS कंपनी के कुछ कर्मचारियों द्वारा पैसों के प्रलोभन में दस्तावेजों में हेरफेर कर आयग्य व्यक्तियों को नौकरी पर लगाया जा रहा है। कुछ कर्मचारियों ने नाम न उजागर करने के शर्त पर बताया कि एरिया मैनेजर ने 1-1 लाख रूपये लेकर इन सभी कर्मचारियों को आयोग्य होने के बावजूद शराब दुकानों में कार्य करने योग्य बना दिया| हालाँकि उक्त कम्पनी का काम सुरक्षाकर्मी (security guard) उपलब्ध कराने का हैं; मगर ना जाने कैसे ? किससे…? कैसी सेटिंग हुई है…! कि छत्तीसगढ़ में यह कंपनी प्लेसमेंट का भी काम करती हैं ! फ़िलहाल यह कितनी सुरक्षा देती हैं इस परिणाम बीते कुछ महीनों में सरोना, सास्त्रीमार्केट, ट्रांसपोर्टनगर शराब दुकान में देखने को मिला और खामियाजा आबकारी विभाग को भुगतना पड़ा। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संदीप सोनी ही नहीं रायपुर के कई शराब दुकानों जैसे (सिलतरा, लालपुर, उरला, तात्यापारा, मांढर, कुर्रा) सहित कई लड़के जैसे (विजय टंडन, राजेश देवांगन, प्रेम साहू जैसे कई व्यक्तियों) ने अपने दस्तावेजों में BIS कंपनी व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से हेरफेर कर आज डंके की चोट पर कार्य कर रहे हैं। हालांकि यह जानकारी हमें विशेष सूत्रों के माध्यम से मिली है इस पर nationupdate.in अपनी मुहर नही लगाता।