पायलटों की कमी से इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें रद्द, किराए आसमान छूने लगे, DGCA ने मांगा स्पष्टीकरण

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के लाखों यात्री पिछले पांच दिनों से भारी परेशानी झेल रहे हैं। पायलटों की कमी के कारण रोजाना सैकड़ों उड़ानें रद्द हो रही हैं और कई घंटों की देरी हो रही है। बुधवार को 200 से अधिक उड़ानें रद्द की गईं जबकि कई फ्लाइट्स 10 घंटे तक विलंबित रहीं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मंगलवार (2 दिसंबर) को इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (OTP) मात्र 35 प्रतिशत रहा जो देश की सभी शेड्यूल्ड एयरलाइंस में सबसे कम था। अक्टूबर 2025 में यह आंकड़ा 84.1 प्रतिशत था जो नवंबर में गिरकर 67.7 प्रतिशत रह गया।
यात्रियों की भारी असुविधा और सोशल मीडिया पर आक्रोश के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने गुरुवार को इंडिगो के वरिष्ठ प्रबंधन से पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है तथा शीघ्र सुधार योजना प्रस्तुत करने को कहा है। DGCA ने कहा कि वह स्थिति की जांच कर रहा है और एयरलाइन के साथ मिलकर उड़ान रद्दीकरण व देरी को कम करने के उपायों का मूल्यांकन कर रहा है।
इंडिगो ने बुधवार शाम से कुछ रूट्स पर उड़ानें कम करने जैसे कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। एयरलाइन ने कहा कि ये उपाय अगले 48 घंटे तक लागू रहेंगे ताकि पूरे नेटवर्क में परिचालन सामान्य हो सके और पंचुअलिटी बहाल की जा सके। कंपनी ने स्वीकार किया कि पिछले दो दिनों से पूरे नेटवर्क में परिचालन गंभीर रूप से बाधित रहा है।
नवंबर में इंडिगो ने कुल 1,232 उड़ानें रद्द कीं जिनमें से करीब 62 प्रतिशत रद्दीकरण चालक दल की कमी के कारण हुए। DGCA द्वारा 1 नवंबर से लागू नए मानवीय क्रू ड्यूटी मानदंडों के बाद पायलटों की आवश्यकता बढ़ गई जिससे यह संकट गहराया है।
उड़ान रद्दीकरण और OTP में गिरावट के कारण घरेलू हवाई किरायों में भारी उछाल आया है।
- दिल्ली-मुंबई : 18,000 से 31,000 रुपये
- दिल्ली-बेंगलुरु (5-6 दिसंबर) : 11,000 से 43,145 रुपये
- मुंबई-कोलकाता : 8,000 से 19,000 रुपये
यात्री इस अचानक संकट से काफी असंतुष्ट हैं और कई ने सोशल मीडिया पर अपनी परेशानी साझा की है।



