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1 दिसंबर से वित्तीय क्षेत्र में बड़े बदलाव लागू, 31 दिसंबर तक पूरी करनी होंगी महत्वपूर्ण डेडलाइंस

1 दिसंबर 2025 से वित्तीय क्षेत्र से जुड़े कई अहम बदलाव लागू हो गए हैं, जिनका असर सीधे करदाताओं, निवेशकों और आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। दिसंबर के दौरान कई महत्वपूर्ण डेडलाइंस भी निर्धारित हैं, जिनका पालन न करने पर पेनाल्टी या वित्तीय लेन-देन में बाधा आ सकती है। इनमें आधार-पैन लिंकिंग, आयकर रिटर्न फाइलिंग और बीएसई इंडेक्स में बदलाव जैसे प्रमुख निर्णय शामिल हैं।

एसबीआई की mCash सेवा बंद
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 1 दिसंबर से OnlineSBI और YONO Lite पर mCash भेजने और क्लेम करने की सुविधा बंद कर दी है। अब ग्राहक बिना बेनिफिशियरी जोड़ें mCash के माध्यम से पैसे नहीं भेज सकेंगे और न ही ऐप या लिंक से फंड क्लेम कर पाएंगे। बैंक ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे थर्ड पार्टी ट्रांसफर के लिए UPI, IMPS, NEFT और RTGS जैसे सुरक्षित विकल्पों का इस्तेमाल करें।

एनपीएस से यूपीएस में स्विच का विकल्प बंद
नेशनल पेंशन सिस्टम से यूनिफाइड पेंशन स्कीम में स्विच करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2025 थी। 1 दिसंबर से यह सुविधा बंद हो गई है। यूपीएस टैक्स छूट, बेहतर प्रोविजन और लचीला स्विच विकल्प देता है। जो कर्मचारी समय सीमा में आवेदन कर चुके हैं, वे बाद में चाहें तो वापस एनपीएस में लौट सकते हैं।

31 दिसंबर तक पूरी करनी होंगी ये महत्वपूर्ण डेडलाइंस

आधार-पैन लिंकिंग की अंतिम तिथि
1 अक्टूबर 2024 या उससे पहले आधार प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को 31 दिसंबर 2025 तक आधार-पैन लिंक कराना अनिवार्य है। निर्धारित तिथि तक लिंक न करने पर पैन निष्क्रिय हो जाएगा। निष्क्रिय पैन के कारण बैंकिंग लेन-देन, आयकर रिटर्न फाइलिंग और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।

बीएसई सूचकांकों में बड़ा बदलाव
दिसंबर में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज अपने प्रमुख इंडेक्स में बदलाव लागू करेगा। 22 दिसंबर 2025 से इंटरग्लोब एविएशन सेंसेक्स में शामिल होगी, जबकि टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स को हटाया जाएगा। इन बदलावों का असर बाजार की चाल और निवेशकों की रणनीतियों पर पड़ सकता है।

बिलेटेड और रिवाइज्ड आयकर रिटर्न की डेडलाइन
वित्त वर्ष 2024–25 के लिए बिलेटेड या रिवाइज्ड आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 है।

  • बिलेटेड रिटर्न वही दाखिल कर सकते हैं जिन्होंने समय पर आईटीआर फाइल नहीं किया। इसमें अधिकतम ₹5,000 (आय ₹5 लाख से कम होने पर ₹1,000) लेट फीस लगेगी।
  • रिवाइज्ड रिटर्न उन करदाताओं के लिए है, जिन्होंने पहले दाखिल किए गए रिटर्न में कोई गलती की हो।

31 दिसंबर के बाद केवल अपडेटेड रिटर्न (आईटीआर-यू) का विकल्प उपलब्ध रहेगा, जिसमें अधिक टैक्स और ब्याज देना पड़ेगा।

इन सभी समय सीमाओं को ध्यान में रखते हुए करदाताओं और निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे निर्धारित समय के भीतर आवश्यक वित्तीय कार्य पूरे करें, ताकि किसी तरह की परेशानी या अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके।

Chaiपुर
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NU Desk

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