दक्षिण में डिटवा का असर, उत्तर में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय; दिसंबर की शुरुआत में बढ़ेगी ठंड

नई दिल्ली। दक्षिण भारत में चक्रवाती तूफान डिटवा और उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के साथ देश के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। बंगाल की खाड़ी में उठे तूफान के प्रभाव से अगले चार से पांच दिनों में हवा का पैटर्न बदलने की संभावना जताई गई है।
इसके साथ ही उत्तर भारत में सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार दिसंबर की शुरुआत उत्तर भारत में ठंड बढ़ाने वाली साबित हो सकती है।
स्काईमेट के मुताबिक, नवंबर माह में उत्तर भारत में कोई महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में चार से पांच दिसंबर के बीच बर्फबारी शुरू होने के आसार हैं। इसके बाद मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में उत्तर-पश्चिमी हवाएं तेज होंगी, जिससे न्यूनतम तापमान तेजी से गिर सकता है।
मौसम विभाग ने बताया है कि डिटवा के प्रभाव से हवा की दिशा बदल रही है, जिसका अप्रत्यक्ष असर मध्य भारत होते हुए उत्तर भारत तक पहुंचेगा। इससे अगले एक सप्ताह में कई राज्यों में ठंड सामान्य से अधिक बढ़ सकती है। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी बादल छाने, तापमान घटने और मौसम में नमी बढ़ने की संभावना है।
बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक दो समुद्री तूफान बनने से पूर्वी भारत में नमी बढ़ी है। इसका असर गंगा के मैदानी इलाकों तक पहुंचेगा, जहां बादल और ठंडी हवाओं के कारण रात का तापमान और गिर सकता है। दिसंबर के पहले सप्ताह में घनी धुंध भी बढ़ सकती है, जिससे रेल और सड़क यातायात प्रभावित हो सकता है।
दक्षिण भारत में तूफान डिटवा का प्रभाव जारी है। यह तूफान उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश की ओर अग्रसर है। इसके रविवार मध्यरात्रि के बाद तट से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी से गुजरने का अनुमान है। तमिलनाडु में पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है और अगले 24 घंटे तक भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है। हालांकि तट से टकराने के बाद इसके कमजोर पड़ने की उम्मीद है।



