चमोली में 3.7 तीव्रता के भूकंप के झटके, कोई नुकसान नहीं; अत्यधिक संवेदनशील जोन-6 में शामिल

उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार सुबह आए भूकंप के हल्के झटकों से स्थानीय लोग दहशत में आ गए। सुबह 10 बजकर 27 मिनट पर कर्णप्रयाग, नारायणबगड़, थराली और देवाल क्षेत्रों में भूकंप महसूस किया गया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि झटके हल्के थे, लेकिन अचानक धरती हिलने पर लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.7 दर्ज की गई।
आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि भूकंप का केंद्र चमोली क्षेत्र के आसपास स्थित था। अब तक किसी भी तरह के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि विभाग स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और लोगों से अफवाहों से दूर रहते हुए सतर्क रहने की अपील की है।
उत्तराखंड लंबे समय से भूकंपीय गतिविधियों के लिहाज से संवेदनशील राज्य माना जाता है। हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने भूकंपरोधी डिजाइन के मानदंड (रीति संहिता-2025) के तहत नया भूकंप मानचित्र जारी किया है, जिसमें उत्तराखंड को जोन-6 यानी अत्यधिक संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इससे पहले राज्य के जिले जोन-4 और जोन-5 के अंतर्गत आते थे, लेकिन अब पूरे राज्य को उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में शामिल किया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जोन-6 में रखे गए क्षेत्रों में भवन निर्माण के दौरान आधुनिक भूकंपरोधी तकनीक का उपयोग अनिवार्य होगा। इसका अर्थ है कि पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण कार्य अधिक सावधानी, मानकों तथा तकनीकी सुरक्षा उपायों के साथ करने होंगे, विशेषकर उन स्थानों पर जहां लगातार भूकंपीय हलचल दर्ज होती है।
पुराने वर्गीकरण में रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ को सबसे संवेदनशील जोन-5 में रखा गया था, जबकि उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल जोन-4 में थे। वर्ष 2021 में संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, देश के 38 सबसे संवेदनशील शहरों में अल्मोड़ा, नैनीताल, देहरादून और रुड़की भी शामिल हैं।
भूकंप के बाद चमोली तथा आसपास के क्षेत्रों में लोग एहतियात बरतते नजर आए। हालांकि किसी तरह की क्षति की सूचना नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार आने वाले झटके भविष्य में बड़े खतरे की चेतावनी हो सकते हैं। ऐसे में निरंतर सतर्कता और सुरक्षित निर्माण कार्य बेहद आवश्यक है।



