जस्टिस सूर्यकांत बने भारत के 53 वें मुख्य न्यायाधीश, अब तक ऐसा रहा करियर

नई दिल्ली। जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई। यह शपथ जस्टिस बीआर गवई के रविवार शाम को सेवानिवृत्ति के बाद ली गई। शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, केंद्रीय मंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तथा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के साथ भूटान, केन्या, मलेशिया, ब्राजील, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश भी उपस्थित रहे। जस्टिस सूर्यकांत ने शपथ हिंदी में ली।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल कई महत्वपूर्ण संवैधानिक फैसलों से जुड़ा रहा है। इनमें जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने का मामला, बिहार की मतदाता सूची में संशोधन तथा पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर से संबंधित याचिकाएं प्रमुख हैं। वे हाल ही में राष्ट्रपति संदर्भ पर सुनवाई वाली बेंच का भी हिस्सा रहे, जिसमें राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर राज्यपाल एवं राष्ट्रपति की शक्तियों की व्याख्या की गई। इस मामले में फैसला लंबित है। एक अन्य मामले में उन्होंने बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची से बाहर रहने वाले 65 लाख मतदाताओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश दिया था।
जस्टिस सूर्यकांत: एक परिचय
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उन्होंने हिसार में वकालत की शुरुआत की और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की। 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से विधि में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की, जिसमें प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल किया। 5 अक्टूबर 2018 से वे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे। 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति हुई।
30 अक्टूबर को उन्हें मुख्य न्यायाधीश पद के लिए नामित किया गया था। वे लगभग 15 माह का कार्यकाल संभालेंगे और 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर सेवानिवृत्त होंगे। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के शासी निकाय में दो कार्यकाल तथा भारतीय विधि संस्थान की विभिन्न समितियों से जुड़े रहने के कारण उनकी कानूनी सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।



