ब्रिटेन में बैठा मदरसा शिक्षक, पाकिस्तान जाता रहा, यूपी में वेतन लेता रहा, चार अधिकारी सस्पेंड

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक गंभीर मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के चार वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। ये अधिकारी आजमगढ़ के एक मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा खान को विदेश में रहते हुए भी वर्षों तक वेतन, चिकित्सा अवकाश और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लाभ दिलाने के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं। जांच में शिक्षक के पाकिस्तान से अवैध संबंध भी सामने आए हैं।
निलंबित अधिकारियों के नाम इस प्रकार हैंः
एस.एन. पांडेय, संयुक्त निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
साहित्य निकष सिंह, पूर्व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आजमगढ़ (वर्तमान में गाजियाबाद तैनात)
लालमन, पूर्व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आजमगढ़ (वर्तमान में बरेली तैनात)
प्रभात कुमार, पूर्व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आजमगढ़ (वर्तमान में अमेठी तैनात)
निलंबन अवधि में सभी अधिकारियों को लखनऊ और झांसी में संबद्ध किया गया है।
मामला क्या है
शमशुल हुदा खान आजमगढ़ के दारूल उलूम अहिले सुन्नत अशरफिया मिस्बाहुल उलूम मदरसे में शिक्षक थे। उन्होंने 19 दिसंबर 2013 को ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त कर ली थी, लेकिन मदरसा प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से यह जानकारी विभाग से छिपाई गई। इसके बावजूद वे 31 जुलाई 2017 तक नियमित वेतन प्राप्त करते रहे। अनुपस्थिति के दौरान भी उन्हें अनियमित रूप से चिकित्सा अवकाश स्वीकृत कराया गया तथा बाद में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद जीपीएफ, पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ भी दिलाए गए।
इस अवधि में शमशुल हुदा खान ब्रिटेन में रहते हुए आस्ट्रेलिया, सिंगापुर और श्रीलंका की यात्राएं करते रहे तथा खाड़ी देशों के रास्ते दो-तीन बार पाकिस्तान भी गए। उत्तर प्रदेश एटीएस की जांच में उनके पाकिस्तान से अवैध संबंध प्रकाश में आए, जिससे मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर हो गया।
अब तक की कार्रवाई
शिक्षक शमशुल हुदा खान से 16.59 लाख रुपये की वसूली के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। चारों निलंबित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार जांच के दायरे में अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी आ सकते हैं तथा आगे और कार्रवाई संभव है।



