‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्षः छत्तीसगढ़ में देशभक्ति की गूंज, सीएम विष्णु देव साय ने किया सामूहिक गायन

रायपुर। आज पूरा देश राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ का उत्सव मना रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर छत्तीसगढ़ में भी देशभक्ति और गर्व का अद्भुत माहौल देखने को मिला। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रालय महानदी भवन रायपुर में वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ सामूहिक रूप से “वंदे मातरम्” का गायन किया। पूरे परिसर में “वंदे मातरम्” के उद्घोष से वातावरण देशप्रेम और ऊर्जा से गूंज उठा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश से देश में जागी राष्ट्रीय चेतना...
मुख्यमंत्री साय इस अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में वर्चुअली शामिल हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रेरणादायक उद्बोधन सुना।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा —
“‘वंदे मातरम्’ मां भारती की साधना और आराधना की अमर अभिव्यक्ति है। यह गीत भारत की आत्मा, संस्कृति और स्वतंत्रता के स्वप्न का प्रतीक है।”

उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीयों में आत्मबल, एकता और गर्व की भावना जगाई, और आज भी यह गीत उतना ही प्रेरक और प्रासंगिक है जितना स्वतंत्रता आंदोलन के समय था।
मुख्यमंत्री साय बोले — “वंदे मातरम् मातृभूमि के प्रति प्रेम और कृतज्ञता का प्रतीक”
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा —
“‘वंदे मातरम्’ मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम, कृतज्ञता और राष्ट्रधर्म की भावना का शाश्वत प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश ने एक स्वर में ‘वंदे मातरम्’ गाकर भारत माता को नमन किया है।”
सीएम साय ने कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 7 नवंबर 1875 को रचित यह गीत भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की आत्मा रहा है। 1905 में बंगाल विभाजन के समय से लेकर स्वतंत्रता की प्राप्ति तक, यह गीत क्रांतिकारियों की प्रेरणा और राष्ट्रभक्ति का उद्घोष बन गया।

“भारत में भूमि मातृभूमि है — यही वंदे मातरम् का सार”
मुख्यमंत्री ने कहा कि “वंदे मातरम्” सुनते ही हृदय में ऊर्जा, गर्व और देशभक्ति का संचार होता है।
उन्होंने कहा —
“यूरोप में भूमि को ‘फादरलैंड’ कहा जाता है, लेकिन भारत में हम अपनी भूमि को ‘मातृभूमि’ कहते हैं। यही हमारी सभ्यता का सार है — जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।”
सीएम साय ने कहा कि वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ भावी पीढ़ी को हमारे स्वतंत्रता संघर्ष की प्रेरक गाथाओं से जोड़ने का एक ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लें और इसे भारत माता तथा छत्तीसगढ़ महतारी को समर्पित करें।
प्रदर्शनी में दिखी ‘वंदे मातरम्’ की गौरवगाथा...
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि यह भारत की आज़ादी के संघर्ष और ‘वंदे मातरम्’ के राष्ट्रीय चेतना में योगदान की जीवंत झलक प्रस्तुत करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा —
“यह प्रदर्शनी नई पीढ़ी को देश की गौरवगाथा से जोड़ने का सशक्त माध्यम है, जो बताती है कि कैसे एक गीत ने पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में बांध दिया।”
प्रधानमंत्री ने किया स्मारक सिक्का, डाक टिकट और पोर्टल का शुभारंभ...
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ को समर्पित स्मारक सिक्का और डाक टिकट का विमोचन किया। साथ ही उन्होंने ‘वंदे भारत पोर्टल’ (vandemataram150.in) का शुभारंभ किया, जहाँ देशवासी अपनी आवाज़ में “वंदे मातरम्” गाकर इस राष्ट्रीय उत्सव में सहभागिता कर सकते हैं।
कार्यक्रम में गणमान्य जनों की उपस्थिति...
इस अवसर पर सांसद चिंतामणि महाराज, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह,
संस्कृति विभाग के सचिव रोहित यादव, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुकेश बंसल, पी. दयानंद, डॉ. बसवराजू एस. सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।



