Bastar Health Revolution : बस्तर में 25 साल की ‘हेल्थ रिवॉल्यूशन’, पहाड़ों और जंगलों के बीच जन्मी नई उम्मीद

रायपुर, 30 अक्टूबर 2025: छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद बस्तर ने सिर्फ सड़कों और पुलों में नहीं, बल्कि इंसानी ज़िंदगी को बदलने वाली एक साइलेंट क्रांति में कदम रखा — इसे आज (Bastar Health Revolution) कहा जा सकता है। जहाँ कभी मामूली बुखार के इलाज के लिए लोग मीलों चलकर जाते थे, वहीं अब बस्तर के हर ब्लॉक में आधुनिक अस्पताल और प्रशिक्षित डॉक्टर उपलब्ध हैं।
मेडिकल कॉलेज बना स्वास्थ्य परिवर्तन का केंद्र
Baliram Kashyap Medical College बस्तर की इस यात्रा का केंद्र रहा है। 2006 में शुरू होकर यह संस्थान आज सैकड़ों डॉक्टरों को तैयार कर चुका है। कॉलेज का विस्तार, वायरोलॉजी लैब की स्थापना और 2018 में नए भवन का उद्घाटन — इन सबने बस्तर को मेडिकल मैप पर स्थापित किया है। यह न केवल इलाज का केंद्र बना, बल्कि महामारी से लड़ने में भी अग्रणी रहा।

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने बदली तस्वीर
डिमरापाल में बनकर तैयार हुआ सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल अब बस्तर को “Health Hub of South Chhattisgarh” बना रहा है। यहाँ हृदय, किडनी, न्यूरो और ऑर्थो जैसी जटिल बीमारियों का इलाज होगा, जो पहले केवल रायपुर या हैदराबाद में संभव था। यह अस्पताल स्थानीय जनता के लिए स्वास्थ्य आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गया है।

महारानी अस्पताल: 1937 से निरंतर सेवा का प्रतीक
Maharani Hospital Bastar, जो कभी औपनिवेशिक काल का एक सामान्य हॉस्पिटल था, अब आधुनिक तकनीक और डिजिटल हेल्थ सिस्टम से लैस है। यहाँ रोज़ाना 700 से ज्यादा मरीजों की ओपीडी, 200 बिस्तरों की क्षमता और 17 राष्ट्रीय स्तर के प्रमाणित विभाग काम कर रहे हैं। 2023-24 में “Best Civil Surgeon Award” और “Kayakalp Consistency Category” में सम्मानित होना इस प्रगति की मिसाल है।
हर गाँव तक पहुँची स्वास्थ्य की रोशनी
पिछले दो दशकों में 50 से अधिक नए Primary Health Centres खुले हैं। अब हर 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में एक हेल्थ सेंटर मौजूद है। कोविड-19 काल में बने ऑक्सीजन प्लांट और टेलीमेडिसिन सेवा ने बस्तर को डिजिटल स्वास्थ्य के नए दौर में ला खड़ा किया है।




