DMF Scam: रायपुर से धमतरी तक ACB-EOW की बड़ी कार्रवाई, कई ठिकानों पर छापे

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कथित रूप से करोड़ों रुपये के (DMF Scam) यानी जिला खनिज निधि घोटाले को लेकर एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। मंगलवार सुबह से ACB-EOW की संयुक्त टीमों ने राजधानी रायपुर, राजनांदगांव, दुर्ग और धमतरी जिलों में एक साथ कार्रवाई की। शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह छापा उन कारोबारियों और ठेकेदारों से जुड़ा है जिन पर सरकारी सप्लाई और खनन कार्यों में गड़बड़ी के आरोप हैं।
रायपुर में वॉलफोर्ट इन्क्लेव समेत कई जगह छापे
राजधानी रायपुर में जांच एजेंसी की टीम ने पचपेड़ी नाका के पास स्थित वॉलफोर्ट इन्क्लेव में छापा मारा। टीम ने यहां से कई दस्तावेजों को जब्त किया है। सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई सुबह करीब छह बजे शुरू हुई थी और देर दोपहर तक चली।
साथ ही, एजेंसी ने अन्य ठिकानों पर भी छानबीन की जहां से सरकारी सप्लाई, टेंडर और (Commission Transactions) से जुड़ी फाइलें मिलने की बात सामने आई है।
राजनांदगांव में एक साथ तीन व्यापारिक ठिकानों पर छापा
राजनांदगांव जिले में भी एक बड़ी कार्रवाई की गई। यहां तीन प्रमुख कारोबारियों के चार ठिकानों पर एक साथ छापा पड़ा। बताया जा रहा है कि जिन व्यापारियों के यहां छापा पड़ा है, वे खनन और गवर्नमेंट सप्लाई के काम से जुड़े हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि कार्रवाई सत्यम विहार, भारत माता चौक और कामठी लाइन क्षेत्र में की गई। इन जगहों पर एजेंसी की दो-दो गाड़ियां पहुंचीं और घंटों तक तलाशी अभियान चला।
दुर्ग और धमतरी में भी छापेमारी, कई अहम दस्तावेज बरामद
दुर्ग जिले में महावीर नगर स्थित कारोबारी मनीष पारख के निवास पर भी छापा पड़ा है। यहां से EOW की टीम ने लेन-देन और सप्लाई से जुड़े कागजातों की जांच की।
वहीं, धमतरी जिले के सिर्री गांव में ठेकेदार अभिषेक त्रिपाठी के घर छापा मारा गया। दो वाहनों में पहुंची टीम ने घर की गहन तलाशी ली और कई दस्तावेज अपने साथ ले गई। शुरुआती जांच में यह मामला भी (DMF Scam) से जुड़ा बताया जा रहा है।
कमीशन और फर्जी बिलिंग पर जांच तेज
जांच एजेंसियों को संदेह है कि इस पूरे (DMF Fund Misuse) प्रकरण में सरकारी आपूर्ति, बिलिंग और कमीशन से जुड़ी बड़ी अनियमितताएं की गई हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि कुछ सप्लायर्स ने ठेके हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था।
पहले भी इस मामले में कुछ अफसर जेल जा चुके हैं और अब एजेंसी की नजर बाकी जुड़े लोगों पर है।
ACB-EOW की रणनीति और आगे की प्रक्रिया
ACB और EOW दोनों ही विभाग इस जांच को अगले चरण तक ले जाने की तैयारी में हैं। अभी बरामद दस्तावेजों की जांच और डिजिटल रिकॉर्ड्स की पड़ताल की जा रही है।
अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी तरह पारदर्शी होगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। आने वाले दिनों में और छापेमारियां हो सकती हैं।
Final Report: सरकार की सख्त नीति और जांच की दिशा
छत्तीसगढ़ में DMF Fund का इस्तेमाल खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए किया जाना था, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते यह योजना विवादों में आ गई। अब ACB-EOW की संयुक्त कार्रवाई से साफ संकेत मिलते हैं कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
फिलहाल जांच जारी है और आने वाले दिनों में कई बड़े नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।



