छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों में मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम घोषित

रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ सहित देश के 12 राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) कार्यक्रम की तिथियों की घोषणा कर दी है। इसी क्रम में आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।
यह बैठक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, रायपुर के सभागार में आयोजित की गई, जिसमें पुनरीक्षण कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा और प्रक्रिया साझा की गई। बैठक का उद्देश्य राजनीतिक दलों को कार्यक्रम की तिथियों, नियमों और जनसहभागिता के तरीकों से अवगत कराना था।
SIR कार्यक्रम की प्रमुख तिथियाँ...
- मुद्रण एवं प्रशिक्षण कार्य – 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक
- घर-घर गणना चरण (Enumeration Phase) – 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक
- मसौदा मतदाता सूची का प्रकाशन – 9 दिसंबर 2025
- दावे और आपत्तियाँ दर्ज करने की अवधि – 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक
- नोटिस, सुनवाई और सत्यापन चरण – 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक
- अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन – 7 फरवरी 2026
कार्यक्रम की मुख्य बातें...
- तकनीकी सटीकता के लिए ECINET द्वारा अंतिम SIR के साथ कंप्यूटर आधारित लिंकिंग और मिलान की व्यवस्था की गई है।
- बीएलओ (BLO) घर-घर जाकर नए मतदाताओं के फॉर्म-6 और घोषणा पत्र एकत्र करेंगे, आधार लिंकिंग और सत्यापन कार्य करेंगे।
- ईआरओ/एईआरओ यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे और कोई अपात्र नाम शामिल न हो।
- राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी — उनके बूथ स्तरीय एजेंट (BLA) मतदाताओं से फॉर्म एकत्र करेंगे और सत्यापन प्रक्रिया में सहयोग देंगे।
राजनीतिक दलों की रही सक्रिय उपस्थिति...
इस बैठक में कांग्रेस (INC), भारतीय जनता पार्टी (BJP), बहुजन समाज पार्टी (BSP), आम आदमी पार्टी (AAP), कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) CPI(M) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने सभी दलों से अपील की कि वे पुनरीक्षण के दौरान अपने बूथ स्तरीय एजेंटों (BLA) के माध्यम से निर्वाचन कर्मियों को पूरा सहयोग दें ताकि “हर पात्र नागरिक का नाम सूची में जुड़ सके और मृत/स्थानांतरित नामों को हटाया जा सके।
SIR अभियान का उद्देश्य है...
- मतदाता सूची को शुद्ध, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना,
- हर पात्र नागरिक को मताधिकार का अवसर सुनिश्चित करना,
- और राजनीतिक दलों के सहयोग से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करना।



