कच्चे घर से पक्के सपनों तक: प्रधानमंत्री आवास योजना से दुलारी बाई के जीवन में आई खुशियों की नई रोशनी

रायपुर। कभी टपकती छत और मिट्टी की दीवारों के बीच जिंदगी बिताने वाली बिलासपुर के धुरीपारा मंगला की दुलारी बाई के जीवन में अब खुशियों की नई किरण जगमगा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत दुलारी बाई को मिला नया पक्का घर उनके परिवार के लिए सुरक्षा और आत्मनिर्भरता दोनों का प्रतीक बन गया है। इस दिवाली वे पहली बार अपने पक्के घर में दीपावली का उत्सव मनाने जा रही हैं, जिससे उनका उत्साह दोगुना हो गया है।
दुलारी बाई ने योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार जताते हुए कहा कि यह घर उनके सपनों का साकार रूप है।
अब नहीं टपकती छत, मिट्टी की दीवारों की जगह मजबूत नींव...
वर्षों तक दुलारी बाई का परिवार एक कच्चे घर में बरसात की परेशानी झेलता रहा। छत से टपकते पानी और दीवारों की नमी के बीच जीवन कठिन था। सीमित आमदनी के कारण पक्का घर बनवाना संभव नहीं था। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) से मिली सहायता ने उनकी जिंदगी बदल दी। उनके पति, जो स्वयं एक राज मिस्त्री हैं, ने अपने हाथों से नया घर तैयार किया। आज उनका घर न सिर्फ रहने की जगह है बल्कि आत्मसम्मान और स्थिरता का प्रतीक बन गया है।
सुविधाओं से सजा नया घर, जीवन हुआ आसान...
दुलारी बाई बताती हैं कि अब घर में बिजली, पानी और शौचालय की सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। बच्चों के लिए अलग कमरा है और रसोई साफ-सुथरी है। अब बरसात का डर नहीं, बल्कि खुशी और सुरक्षा का एहसास है। उन्होंने कहा
“अब हमारे पास अपना घर है, अपने सपनों की जगह है — ये दिवाली हमारे जीवन की सबसे रोशन दिवाली होगी।”
गरीब परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बनी योजना...
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत प्रदेश के हजारों परिवारों को पक्का घर मिल चुका है। इस योजना ने न केवल आवासहीनों को छत दी है, बल्कि जीवन की स्थिरता और सम्मान की अनुभूति भी कराई है।