छत्तीसगढ़ में 1.98 लाख विद्यार्थियों के खाते में 84.66 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति ऑनलाइन हस्तांतरित

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर अब राज्य के शैक्षणिक संस्थानों, आश्रम-छात्रावासों और तकनीकी एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति सीधे उनके बैंक खातों में ऑनलाइन दी जा रही है।
आज मंत्रालय, महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में 1.98 लाख विद्यार्थियों के बैंक खातों में 84.66 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति और शिष्यवृत्ति ऑनलाइन अंतरित की गई।
ऑनलाइन भुगतान से छात्रों को आर्थिक मदद...
प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति और शिष्यवृत्ति का भुगतान अब जून, सितंबर, अक्टूबर और दिसंबर में ऑनलाइन किया जाएगा। इस नई व्यवस्था से छात्रों को शिक्षा के दौरान होने वाली आर्थिक समस्याओं से निजात मिलेगी। पहले यह राशि केवल साल में एक या दो बार वितरित की जाती थी।

इस अवसर पर, आश्रम-छात्रावासों के 1,86,050 विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति की द्वितीय किश्त 79.27 करोड़ रुपये और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के 12,142 विद्यार्थियों को 5.38 करोड़ रुपये उनके बैंक खातों में प्रदान किए गए।
पहली बार ऑनलाइन शिष्यवृत्ति की शुरुआत...
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पहली बार 10 जून 2025 को ऑनलाइन शिष्यवृत्ति और छात्रवृत्ति भुगतान की शुरुआत की थी। तब 85 करोड़ रुपये की राशि छात्रों के खाते में अंतरित की गई थी। इसके बाद, 17 जून 2025 को 8,370 विद्यार्थियों को 6.2 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति का ऑनलाइन अंतरण किया गया था।
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख अधिकारी...
आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरू खुशवंत साहेब, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इस पहल से छत्तीसगढ़ के छात्रों को पारदर्शी और तेज़ भुगतान सुनिश्चित होता है और राज्य में शैक्षणिक विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।