बाल आयोग का बड़ा कदम: बच्चों की आस्था और स्वतंत्रता की सुरक्षा को लेकर तलब हुआ स्कूल

रायपुर। राजधानी रायपुर के मोवा स्थित आदर्श विद्यालय से एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें विद्यालय प्रबंधन ने छात्रों को कलावा (मौली) बांधने और माथे पर टीका लगाने से रोक दिया। यह घटना बच्चों की धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप मानी जा रही है।
इस पर छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा—
“यह कृत्य बच्चों की धार्मिक, सामाजिक और मानसिक स्वतंत्रता का उल्लंघन प्रतीत होता है, जबकि यह अधिकार भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार के रूप में प्रदत्त है।”
आयोग ने इस मामले को गंभीर मानते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 13(ज) एवं 14 के अंतर्गत विद्यालय प्रबंधन को तलब किया है। विद्यालय प्रशासन को 13 अक्टूबर 2025 को आयोग कार्यालय में लिखित प्रतिवेदन सहित व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश जारी किए गए हैं।
आयोग ने स्पष्ट किया कि वह बच्चों के हितों, स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे किसी भी कार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे बच्चों की धार्मिक, सामाजिक या मानसिक स्वतंत्रता प्रभावित होती है।