वन मंत्री केदार कश्यप ने बिलासपुर में इको-टूरिज़्म और वन विकास योजनाओं पर की समीक्षा

बिलासपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने बिलासपुर में इको-टूरिज़्म को बढ़ावा देने और वन विकास कार्यों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ वन अधिकारियों की बैठक की। उन्होंने कहा कि बिलासपुर संभाग में कई आकर्षक पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें बेहतर मार्ग और बुनियादी सुविधाओं से विकसित किया जाए तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय पहचान बढ़ेगी।

वन विकास और तेंदूपत्ता योजनाएँ...
- मंत्री कश्यप ने तेंदूपत्ता पारिश्रमिक के बचे हुए भुगतान को दीपावली से पहले करने के निर्देश दिए।
- अगले वर्ष लगभग 12 लाख पुरुष संग्राहकों को चरण पादुका वितरित की जाएगी। इस प्रक्रिया के लिए पैर का नाप शीघ्र भेजने के निर्देश दिए गए।
- उल्लेखनीय है कि इस वर्ष लगभग 12 लाख महिला संग्राहकों को चरण पादुका वितरित की जा चुकी है।
अचानकमार अभ्यारण्य में बाघों की संख्या में वृद्धि...
अचानकमार अभ्यारण्य में बाघों की संख्या पिछले दो-तीन वर्षों में 5 से बढ़कर 18 हो गई है। मंत्री कश्यप ने इसे सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा पर्यटन हब बनाने की संभावनाओं का उदाहरण बताया और क्षेत्र में हवाई और रेल मार्ग सहित सभी सुविधाओं को बेहतर करने के निर्देश दिए।

पर्यटन स्थल और इको-टूरिज़्म...
मंत्री ने कहा कि तखतपुर का कोपरा जलाशय रामसर साइट बनने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा संभाग में
- औरापानी
- खुड़िया
- कोटमी सोनार मगरमच्छ पार्क
- गोमडॉ अभयारण्य
- रामझरना रायगढ़
- सत रेंगा कोरबा
- बुका पिकनिक स्पॉट कटघोरा
जैसे कई पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें विकसित कर और आकर्षक बनाया जा सकता है।
हाथी जागरूकता और वन क्षेत्रीय योजनाएँ...
- मंत्री ने हाथी मानव द्वंद्व पर कहा कि हाथियों के साथ सहअस्तित्व आवश्यक है।
- कटघोरा वन मंडल में AI आधारित हाथी जागरूकता ऐप की सराहना की।
- वन पट्टा नामांतरण और बटवारा में लंबित 366 प्रकरणों में से 280 का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए।
अन्य योजनाओं की समीक्षा...
मंत्री कश्यप ने ई-कुबेर ऐप, किसान वृक्षमित्र योजना, वन भूमि में अतिक्रमण और “एक पेड़ मां के नाम” जैसी योजनाओं की समीक्षा की और तेजी से काम कर लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए।

बैठक में पीसीसीएफ एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव, प्रबंध संचालक अनिल साहू, पीसीसीएफ वन्य प्राणी अरुण पांडेय, अरण्य भवन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और सभी वन मंडल के डीएफओ उपस्थित थे।