प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर छत्तीसगढ़ में आदिवासी बच्चों और परिवारों के विकास के लिए मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक कदम

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित सड्डू के प्रयास आवासीय विद्यालय में आदि सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ किया। सीएम साय ने कहा कि यह अभियान जनजातीय गांवों के विकास और नेतृत्व क्षमता सृजन में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा।

इस अवसर पर अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक मोतीलाल साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। सीएम साय ने प्रदेश की 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और उनके दीर्घायु जीवन की कामना की।
आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य...
- प्रदेश के सभी 6,650 जनजातीय गांवों का ट्राइबल विजन डाक्यूमेंट 2030 तैयार किया जाएगा।
- अभियान के तहत ऐसे 1 लाख 33 हजार वालंटियर तैयार किए जाएंगे, जो गांव की बेहतरी के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करेंगे।
- आदि सेवा केंद्रों की स्थापना की गई है, जहाँ ग्रामीण शासन की सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे और शिकायतें दर्ज कर सकेंगे।

छात्रवृत्ति और भोजन सहायता...
सीएम साय ने आदि सेवा पखवाड़ा के शुभारंभ पर आदिम जाति विकास और पिछड़ा वर्ग विभाग की योजनाओं के तहत 8,370 विद्यार्थियों के खातों में 6.02 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति एवं भोजन सहायता राशि ऑनलाइन अंतरित की।
पौधरोपण और बच्चों के साथ संवाद...
मुख्यमंत्री ने प्रयास आवासीय विद्यालय परिसर में एक पेड़ मां के नाम 2.0 के तहत जामुन का पौधा रोपा। विद्यार्थियों ने पेंटिंग और रंगोली प्रस्तुत की, जिनका सीएम ने अवलोकन किया और उनकी रचनात्मकता की सराहना की।

सीएम साय ने विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के छात्र-छात्राओं के साथ भोजन किया और उनके साथ आत्मीय बातचीत की। उन्होंने विद्यार्थियों को मन लगाकर पढ़ाई करने की प्रेरणा दी और उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया।
कार्यक्रम की विशेषताएँ...
- आदिवासी गांवों में नेतृत्व क्षमता विकास और जमीनी बदलाव लाने का ऐतिहासिक अभियान।
- ग्रामीण परिवारों और बच्चों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाना।
- शिक्षा, पोषण और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में सृजनात्मकता और नेतृत्व क्षमता का विकास।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और नेतृत्व से ही यह अभियान सफल होगा और छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।