छत्तीसगढ़ की सियासत में ‘पाकिस्तानी वोटर्स’ का मुद्दा, भूपेश बघेल का बड़ा दावा

छत्तीसगढ़ की राजनीति इन दिनों “वोट चोरी” के आरोप-प्रत्यारोप के बीच और भी गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा है कि प्रदेश में करीब 15 हजार पाकिस्तानी रह रहे हैं, जिनमें से कई तो वोटर भी बन गए हैं।
बघेल का आरोप...
बिलासपुर में कांग्रेस के “वोट चोर, गद्दी छोड़” अभियान के दौरान भूपेश बघेल ने कहा—
“गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद आदेश जारी किया था कि पाकिस्तानियों को चिन्हित कर तीन दिनों में बाहर करना है। लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 15 हजार पाकिस्तानी यहां रह रहे हैं और वोटर भी बन चुके हैं। डिप्टी सीएम विजय शर्मा बताएँ कि इन्हें कब चिन्हित करेंगे?”
कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने...
दरअसल, कांग्रेस के इस अभियान को लेकर डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करवाने में कांग्रेस नेताओं की भूमिका रही है।
- शर्मा ने कहा कि पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के कहने पर रियाज हुसैन ने कवर्धा में फार्म-6 भरकर नाम दर्ज कराया और बाद में रायपुर पश्चिम विधानसभा में नाम जुड़वाया।
- उनका आरोप था कि राजधानी के एक मकान में 350 मतदाताओं के नाम जानबूझकर दर्ज कराए गए, जो बड़ी गड़बड़ी का सबूत है।
कांग्रेस का पलटवार...
भूपेश बघेल ने इन आरोपों को पलटवार का मौका बनाया और “पाकिस्तानी वोटर्स” का मुद्दा उठाया। वहीं, पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने विजय शर्मा के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा—“मेरे द्वारा किसी का नाम वोटर सूची में नहीं जुड़वाया गया है।”
क्या है असल मुद्दा?
कांग्रेस और भाजपा के बीच “वोट चोरी” की सियासत ने नया मोड़ ले लिया है। एक तरफ भाजपा वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस सरकार पर पाकिस्तानियों को लेकर कार्रवाई न करने का आरोप जड़ रही है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि “15 हजार पाकिस्तानी वोटर्स” के इस दावे पर सरकार की तरफ से क्या जवाब आता है और छत्तीसगढ़ की राजनीति में यह मुद्दा किस तरह असर डालता है।