कांग्रेस में सियासी तूफ़ान के बाद चौबे- बैज की मुलाक़ात, बंद कमरे में बैठक, क्या थमी अंदरूनी कलह?

CG News: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में इन दिनों सियासी हलचल तेज़ है। बुधवार को पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे के खिलाफ अनुशासनहीनता का प्रस्ताव पास किया गया था। इसके अगले ही दिन गुरुवार को चौबे अचानक पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज से मिलने राजीव भवन पहुँच गए। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में लंबी चर्चा हुई।
मुलाकात के बाद दोनों नेता मीडिया के सामने आए। दीपक बैज ने कहा –
“ये घर की बातें हैं, कुछ लोग तिल का ताड़ बना रहे हैं। चौबे जी ने अपनी बात रखी है। सामूहिक नेतृत्व में ही कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। सीनियर नेताओं का सहयोग हमारे लिए अहम है और पार्टी हित को लेकर चर्चा हुई है।”
मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया – चौबे
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में रविंद्र चौबे ने भी सफाई दी। उन्होंने कहा –
दीपक बैज हमारे अध्यक्ष हैं और हम सब उनके साथ खड़े हैं। कांग्रेस मजबूती से उनकी अगुवाई में लड़ाई लड़ रही है। भूपेश बघेल के जन्मदिन पर जो बातें मीडिया में चलीं, वे वास्तविकता नहीं थीं। मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। दीपक बैज बहुत मैच्योर नेता हैं और सबको साथ लेकर चल रहे हैं।
विवाद की वजह क्या थी?
दरअसल, कुछ दिन पहले चौबे ने बयान दिया था कि “छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वापसी के लिए भूपेश बघेल का नेतृत्व ज़रूरी है।” इस बयान ने सियासी हलचल मचा दी थी। पार्टी के भीतर इसे लेकर असंतोष भी सामने आया और बैठक में चौबे के खिलाफ शिकायतें दर्ज हुईं। लेकिन अब चौबे ने साफ कर दिया है कि उनकी नीयत पर संदेह करने की ज़रूरत नहीं है और मीडिया ने उनकी बातों को गलत तरीके से दिखाया।
कुल मिलाकर, कांग्रेस के भीतर चल रही सियासी तल्ख़ी के बीच चौबे और बैज की मुलाकात ने यह संदेश जरूर दिया है कि पार्टी चुनावी साल में किसी भी तरह की अंदरूनी कलह को सार्वजनिक रूप नहीं देना चाहती।