रायपुर में शिक्षा में मेंटरशिप पर राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला, वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी बोले – “युवा ही हमारी सबसे बड़ी ताकत”

रायपुर। नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में “Fostering Mentorship in Education: A Pathway to Equity” विषय पर राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला आयोजित की। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत शिक्षा व्यवस्था में समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक साझा राष्ट्रीय फ्रेमवर्क तैयार करना था।

इस कार्यशाला में शिक्षा विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं और हितधारकों ने ड्रॉपआउट दर कम करने, युवाओं को अवसरों से जोड़ने और शिक्षा को समावेशी बनाने पर अपने विचार साझा किए।
“मेंटॉरशिप युवाओं को सशक्त करने की कुंजी” – ओ. पी. चौधरी...
विशेष अतिथि और वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि शिक्षा में मेंटरशिप की भूमिका निर्णायक है। उन्होंने कहा कि भारत की औसत आयु 28 वर्ष है, जबकि छत्तीसगढ़ की मात्र 24 वर्ष। यह हमारी सबसे बड़ी ताकत है और युवाओं को अर्थव्यवस्था से जोड़ना ही विकसित भारत का मार्ग है।

अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले अनेक छात्र करियर के प्रति असमंजस में रहते हैं। ऐसे में मेंटरशिप और कैरियर गाइडेंस ही उनकी दिशा तय कर सकती है। चौधरी ने स्थानीय भाषाओं व संस्कृति आधारित शिक्षा को भी आवश्यक बताया।
“हर बच्चे को मेंटरशिप मिलना उसका अधिकार है” – डॉ. वी. के. पॉल...
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि शिक्षा मानव पूंजी निर्माण का आधार है और ड्रॉपआउट दर देश के लिए गंभीर चुनौती है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्तर पर 93% नामांकन होने के बावजूद सेकेंडरी तक केवल 56% और कक्षा 12 तक 23% छात्र ही पहुंचते हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि मेंटरशिप छात्रों को आत्मविश्वास, जीवन कौशल और व्यक्तिगत मार्गदर्शन देती है। यह हर बच्चे का अधिकार है और इसे तकनीक, शिक्षक-प्रशिक्षण और समाज की भागीदारी से मजबूत किया जा सकता है।
कार्यशाला में हुई सहभागिता...
कार्यशाला में योजना विभाग के सचिव अंकित आनंद, नीति आयोग के संयुक्त सचिव के. एस. रेजिमोन, फेलो डॉ. आई. वी. सुब्बा राव, एनसीटीई अध्यक्ष प्रो. पंकज अरोड़ा, नीति आयोग के उप सचिव अरविंद कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।