छत्तीसगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन का आगाज़, 28 राज्यों से पहुंचे प्रतिनिधि…

रायपुर। राजधानी रायपुर के जैनम मानस भवन में शनिवार को राष्ट्रीय बुनकर अधिवेशन का शुभारंभ हुआ। सहकार भारती द्वारा आयोजित यह अधिवेशन 23 और 24 अगस्त तक चलेगा। खास बात यह है कि देश में पहली बार इस तरह का अधिवेशन हो रहा है, जिसमें 28 राज्यों से आए विभिन्न बुनकर संघों के एक हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सहकारिता को मज़बूत करने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। साथ ही अधिवेशन की सफलता के लिए आयोजकों और प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन भी मौजूद रहे।
बुनकरों के योगदान को सराहा...
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सहकारिता भारतीय परंपरा का हिस्सा है और बुनकरों का योगदान देश की आर्थिक तरक्की में अहम है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से बुनकरों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को नई दिशा मिल सकती है।
सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि राज्य में लगभग 20 हजार हाथकरघे सक्रिय हैं, जिनसे 60 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल रहा है। इसके अलावा प्रदेश की 329 पंजीकृत बुनकर सहकारी समितियां सरकारी वस्त्र उत्पादन में योगदान दे रही हैं।
उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बुनकरों की मजदूरी 20 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे 60 हजार परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है।
सहकारिता आंदोलन को नई दिशा...
अधिवेशन में सहकार भारती के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि बुनकर सिर्फ कपड़ा ही नहीं बुनते, बल्कि संस्कृति और आजीविका को भी जोड़ते हैं। करीब ढाई करोड़ लोग इस पेशे से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। इस अधिवेशन के जरिए बुनकरों की समस्याओं और भविष्य की रणनीति पर राष्ट्रीय स्तर का एजेंडा तैयार होगा।
प्रदर्शनी-सह-बिक्री का आयोजन...
अधिवेशन स्थल पर कपड़ों, हस्तशिल्प और वनोत्पादों की प्रदर्शनी-सह-बिक्री भी लगाई गई है। सहकारिता मंत्री केदार कश्यप और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने इसका उद्घाटन किया।