जलवायु परिवर्तन 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती: राज्यपाल रमेन डेका…

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज की 21वीं सदी की सबसे गंभीर चुनौती है और इसके समाधान के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। राज्यपाल शनिवार को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम दक्षिण एशियाई जलवायु परिवर्तन जर्नलिस्ट फोरम और विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ।
जलवायु संकट पर राज्यपाल की चिंता...
राज्यपाल ने कहा कि धरती का तापमान असामान्य रूप से बढ़ रहा है, जिसके कारण मौसम चक्र असंतुलित हो गया है। ध्रुवीय इलाकों की बर्फ पिघलने से समुद्र का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। अनियमित बारिश, सूखा और विनाशकारी तूफान जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इसका बड़ा कारण मानव गतिविधियां, ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन, वनों की अंधाधुंध कटाई और जीवाश्म ईंधनों का अत्यधिक उपयोग है।
छत्तीसगढ़ भी प्रभावित...
राज्यपाल डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ भी जलवायु संकट से अछूता नहीं है। यहां तापमान वृद्धि, अनियमित वर्षा, लू और बाढ़ जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। कोयला आधारित उद्योग, रासायनिक उर्वरकों का उपयोग और वनों की कटाई से पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, जो कृषि, जल संसाधन और आजीविका पर भी खतरा पैदा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा, प्रदूषण नियंत्रण और वन संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाना आवश्यक है। छत्तीसगढ़ में 45 प्रतिशत वन क्षेत्र है, जिसे हरा-भरा बनाए रखने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से जुड़कर हर व्यक्ति को कम से कम एक पौधा लगाना चाहिए, ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग हो, प्लास्टिक मुक्त अभियान को बढ़ावा दिया जाए और सौर एवं पवन ऊर्जा को अपनाया जाए।”
युवाओं की भूमिका अहम...
राज्यपाल ने कहा कि जलवायु संरक्षण में विद्यार्थियों और युवाओं की भूमिका सबसे अहम है। ग्रीन क्लब बनाकर जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन और टिकाऊ जीवनशैली को अपनाना समय की मांग है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पर्यावरण शिक्षा का प्रसार करना भी युवाओं का दायित्व है।
सम्मान और सहभागिता...
संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। फोरम के समन्वयक कल्लोल के. घोष और सलाहकार सौम्य बंदोपाध्याय ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर राज्यपाल ने विज्ञान और समाज में योगदान के लिए प्रो. एम.एल. नायक को सम्मानित किया तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। कार्यक्रम में विधायक पुरंदर मिश्रा, फोरम अध्यक्ष आशीष गुप्ता, कार्यपरिषद सदस्य, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।