आदि कर्मयोगी अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के जनजातीय गांवों में बुनियादी सुविधाओं के ‘क्रिटिकल गैप’ दूर करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ…

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल गांवों में बुनियादी अधोसंरचना एवं आवश्यक सुविधाओं में शेष ‘क्रिटिकल गैप’ की पहचान कर उसे दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस दिशा में राज्य स्तरीय उन्नमुखीकरण एवं जिला मास्टर ट्रेनर्स के चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज राजधानी रायपुर में शुभारंभ किया गया।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि अभियान का सफलता तभी सुनिश्चित होगी जब आदि कर्मयोगी जनजातीय समुदाय से उनकी भाषा और बोली में सहज जुड़ाव बनाएंगे। गोड़ी, हल्बी, भतरी, सदरी आदि स्थानीय भाषाओं को जानने वाले कर्मयोगी इस अभियान में विशेष भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बताया कि ये कर्मयोगी प्रत्येक आदिवासी परिवार से मिलकर उनकी आजीविका, स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षित प्रसव, टीकाकरण आदि विषयों पर बातचीत करेंगे। साथ ही बस्तर और सरगुजा के दूरस्थ इलाकों में बच्चों के लिए रुचिकर हुनर और तकनीकी शिक्षा के अवसर भी बढ़ाए जाएंगे।
प्रमुख सचिव सोनमणी बोरा ने बताया कि देशभर में आदिवासी बहुल गांवों में 20 लाख स्वयंसेवकों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ की सक्रिय भागीदारी है। प्रदेश के 28 जिलों के 138 विकासखंडों में लगभग 1.33 लाख वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामों में ‘आदि सेवा केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे जो मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता और योजनाओं के सुचारू कार्यान्वयन में सहायक होंगे।
सोनमणी बोरा ने बताया कि ‘धरती आबा’ और ‘पीएम-जनमन’ जैसे सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण अभियानों के तहत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आवास, पक्की सड़कें, जलापूर्ति, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है। आगामी 2 अक्टूबर 2025 को ग्राम सभाओं में बचे हुए ‘क्रिटिकल गैप’ की समीक्षा की जाएगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दो चरण होंगे, पहला चरण 11 से 14 अगस्त तथा दूसरा 18 से 21 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। आज के पहले चरण में बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग संभाग के जिला मास्टर ट्रेनर्स ने भाग लिया और अनुभव साझा किए।
कार्यशाला में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह, आदिम जाति विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, टीआरआई की संचालक हिना अनिमेष नेताम, वन विभाग के पीसीसीएफ अनिल साहू, तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और 105 प्रशिक्षार्थी उपस्थित थे।