छत्तीसगढ़ में केरल की ननों पर केस से गरमाई सियासत, जेल से रिहा हुईं केरल की दोनों नन, NIA कोर्ट ने सशर्त दी बेल – जानें Inside Story…

छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार की गईं दो मलयाली ननों को 9 दिन बाद आखिरकार सशर्त ज़मानत मिल गई है। नारायणपुर जिले की तीन आदिवासी युवतियों के कथित कंवर्जन और मानव तस्करी के मामले में NIA कोर्ट ने 2 अगस्त को सुनवाई करते हुए ननों की बेल मंजूर की। उनकी रिहाई के लिए केरल से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर और कांग्रेस सांसदों का डेलीगेशन खुद पहुंचा।
क्या है मामला?
25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने दो ननों और एक युवक को आदिवासी युवतियों को बहला-फुसलाकर आगरा ले जाने के आरोप में रोका। आरोप था कि वहां जबरन धर्मांतरण की कोशिश की जा रही थी। GRP ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। मामला सोशल मीडिया और संसद तक पहुंच गया।
कोर्ट ने क्या कहा?
बिलासपुर स्थित NIA कोर्ट ने पाया कि आरोपों में BNS की धारा 143 लगाई गई थी, जो इस मामले में उचित नहीं मानी गई। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी जांच जारी है, लेकिन आरोपी देश नहीं छोड़ सकते और उन्हें 50-50 हजार के बेल बॉन्ड भरने होंगे।
राजनीतिक पारा चढ़ा...
- केरल के CM पिनाराई विजयन ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी।
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरा।
- संसद में स्थगन प्रस्ताव और सड़क पर विरोध प्रदर्शन हुए।
केरल से पहुंचे BJP-कांग्रेस नेता...
ननों की रिहाई को लेकर केरल कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही मैदान में नजर आए। दोनों दलों के प्रतिनिधि बार-बार छत्तीसगढ़ पहुंचे। जेल से रिहाई के बाद मिठाई बांटी गई और मीडिया के सामने इसे ‘राजनीतिक साजिश’ बताया गया।
सरकारों की अलग-अलग राय...
छत्तीसगढ़ के CM विष्णुदेव साय ने कहा कि मामले की जांच जारी है और कोई भी कार्रवाई कानून के मुताबिक होगी। वहीं, केरल BJP ने दावा किया कि नन निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है।
क्या आगे बढ़ेगा मामला?
भले ही दोनों ननों को सशर्त बेल मिल गई हो, लेकिन केस अभी बंद नहीं हुआ है। धार्मिक स्वतंत्रता कानून और मानव तस्करी के आरोपों पर जांच जारी है। आने वाले दिनों में जांच एजेंसियां और भी सबूत जुटा सकती हैं।