दिल्ली की अदालत ने इनकम टैक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर और चार्टर्ड अकाउंटेंट को सीबीआई की कस्टडी में भेजा, जाने मामला…

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को इनकम टैक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को तीन दिन की सीबीआई कस्टडी में भेजने का आदेश दिया। दोनों पर इनकम टैक्स की फेसलेस असेसमेंट स्कीम में गड़बड़ी करने के आरोप हैं।
डिप्टी कमिश्नर विजयेंद्र आर और चार्टर्ड अकाउंटेंट डीके अग्रवाल को शुक्रवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। शनिवार को दोनों को प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज अंजू बजाज चंदना की अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने सीबीआई की मांग पर उन्हें तीन दिन की हिरासत में भेज दिया।
यह गिरफ्तारी फरवरी में दर्ज एफआईआर के आधार पर हुई, जो इनकम टैक्स फेसलेस असेसमेंट स्कीम से जुड़े एक कथित घोटाले की जांच से संबंधित थी।
सीबीआई ने अदालत से सात दिन की पुलिस रिमांड की मांग करते हुए कहा कि बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए दोनों आरोपियों का आमना-सामना कराना जरूरी है।
विजयेंद्र आर की ओर से सीनियर एडवोकेट प्रमोद कुमार दुबे ने सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपी को जांच में सहयोग के लिए कभी समन नहीं भेजा गया था और वह नवंबर 2024 से निलंबित हैं, इसलिए सबूत नष्ट करने या जांच को प्रभावित करने की कोई आशंका नहीं है।
सीबीआई ने जानकारी दी कि विजयेंद्र को दिल्ली के झंडेवालान स्थित इनकम टैक्स विभाग के कार्यालय से और डीके अग्रवाल को गुजरात के भरूच से गिरफ्तार किया गया।
एजेंसी के अनुसार, दोनों आरोपियों ने लंबित हाई वैल्यू इनकम असेसमेंट मामलों में करदाताओं से संपर्क कर रिश्वत के बदले उनके पक्ष में आदेश दिलाने का वादा किया था।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि फेसलेस स्कीम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, मानवीय हस्तक्षेप को कम करना और भ्रष्टाचार को रोकना है। सीबीआई ने भी कहा कि इस योजना के तहत करदाता अपने असेसमेंट अधिकारी को न देख पाते हैं, जिससे विवेकाधिकार और भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम होती है।