National

‘इतने क्रूर आदमी को…’, अलग रह रही पत्नी और नाबालिग बेटियों को बेदखल करने वाले शख्स को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई लताड़

सुप्रीम कोर्ट ने  एक व्यक्ति को अपनी अलग रह रही पत्नी और नाबालिग बेटियों को उनके घर से बेदखल करने के लिए कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि इस तरह का व्यवहार मनुष्य और जानवर के बीच के बुनियादी अंतर को खत्म कर देता है. ‘इतने क्रूर आदमी’ को कोर्ट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देगा

कोर्ट ने कठोर शब्दों में फटकार लगाते हुए कहा कि वह “इतने क्रूर आदमी” को कोर्ट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देगा. कोर्ट ने उस व्यक्ति पर सवाल उठाया जो देवियों की पूजा तो करता है लेकिन अपनी पत्नी और बेटियों के साथ दुर्व्यवहार करता है.

तुम्हें केवल बच्चे पैदा करने में दिलचस्पी थी

जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा, “वह केवल कई बच्चे पैदा करने में दिलचस्पी रखता था. हम ऐसे क्रूर आदमी को बिल्कुल भी हमारे कोर्ट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे सकते. सारा दिन घर पे कभी सरस्वती पूजा और कभी लक्ष्मी पूजा. और फिर यह सब (आप दिन भर देवी सरस्वती और लक्ष्मी की पूजा करते हैं, और फिर आप ऐसी चीजें करते हैं).”

उन्होंने आगे कहा, “आप किस तरह के आदमी हैं यदि आप अपनी नाबालिग बेटियों की भी परवाह नहीं करते हैं? नाबालिग बेटियों ने इस दुनिया में आकर क्या गलत किया है?”

शर्तों के साथ ही प्रवेश की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह उस व्यक्ति को तब तक प्रवेश करने की अनुमति नहीं देगा जब तक कि वह गुजारा भत्ता का भुगतान नहीं करता या अपनी कृषि भूमि का एक हिस्सा अपनी बेटियों और पत्नी को नहीं देता.

बेंच ने उसके वकील से कहा, “इस आदमी को अपनी बेटियों के नाम पर कुछ कृषि भूमि या सावधि जमा या गुजारा भत्ता देने के लिए कहें और तब अदालत कुछ अनुकूल आदेश पारित करने के बारे में सोच सकती है.” कोर्ट ने कहा, “एक जानवर और एक आदमी के बीच क्या अंतर है जो अपनी नाबालिग बेटियों की देखभाल नहीं करता है?”

क्या है मामला?

एक निचली अदालत ने झारखंड के उस व्यक्ति को दहेज के लिए अपनी अलग रह रही पत्नी को प्रताड़ित करने और परेशान करने का दोषी ठहराया था. उस पर धोखाधड़ी से उसकी बच्चेदानी निकलवाने और बाद में दूसरी महिला से शादी करने का भी आरोप था.

बेंच ने उस व्यक्ति के वकील से अदालत को बताने के लिए कहा कि वह अपनी नाबालिग बेटियों और अलग रह रही पत्नी को उनके भविष्य के भरण-पोषण के लिए कितना गुजारा भत्ता देने को तैयार है.

Chaiपुर
Show More

NU Desk

News is at the very core of an informed citizen, it builds awareness about the happenings around and such awareness can be crucial in taking decisions on a normal working day. At NATION UPDATE News, We believe that every news starts with a voice, a voice with concern that wants to discuss or criticise what’s happening around. So before becoming news, it first becomes the voice of masses, that’s what news is at NATION UPDATE News.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker