अमित का काला जाल… जिसपर पूर्व में लगे पानी मिलावट के आरोप उसे बनाया वर्तमान में दूकान का सुपरवाइजर…

रायपुर| छत्तीसगढ़ की अर्थ व्यवस्था को सुदृढ बनाने वाले विभाग या यूं कहें तो सरकारी खजाने को भरने में अपनी अहन भूमिका निभाने वाले आबकारी विभाग में ग्रहण छाए हुए हैं| विभाग में एक-एक कर नई-नई अनियमितताएं उजागर हो रहीं हैं फिर भी विभाग के आला अधिकारी खामोश बैठे हैं| आबकारी विभाग की सहायक कंपनी BIS (बॉम्बे इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी इंडिया लिमिटेड) के कर्मचारियों के नए नए कारनामे सामने आ रहे हैं| फिर भी आबकारी विभाग के आला अधिकारीयों के साथ-साथ कंपनी के बड़े अधिकारी भी मौन बैठे हैं|
जाने पूरा मामला…
मार्च 2024 में होली के वक्त भनपुरी शराब दूकान से शराब में पानी मिलावट का एक विडियो वायरल हुआ था जिसमें दूकान का तत्कालीन गार्ड राम कुमार द्वारा रॉयल ग्रीन शराब की बोतल में पानी मिलकर बेचने का मामला सामने आया था जिसपर तत्कालीन आबकारी सहायक आयुक्त विकाश गोश्वामी द्वारा यह आदेश दिया गया था कि दुकान में कार्यरत समस्त स्टाफ को तत्काल प्रभाव से ब्लैक लिस्ट कर दुकान से निकाला जाए| वहीं उस वक्त के तत्कालीन दुकान इन्चार्ग आबकारी ADO राजेंद्र तिवारी ने विडियो के आधार पर सिर्फ गार्ड पर कार्रवाई करते हुए उसे उसकी नौकरी से पृथक कर दिया| और दुकान के बाकि स्टाफ पर किसी भी प्रकार कि कोई कार्रवाई नहीं की गई|
वहीं जब इस विषय पर जब आज हमने आबकारी ADO राजेंद्र तिवारी से फोन पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि विडियो के आधार पर सिर्फ गार्ड पर ही कार्रवाई की गई थी दुकान के बाकी स्टाफ पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं कि गई थी| अब इसमें बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या कोई गार्ड अपनी मर्ज़ी से दुकान में रखे शराब की बोतलों में पानी मिलावट कर उसे बेच सकता है? क्या गार्ड को इतना अधिकार दिया गया है? अगर हाँ तो फिर दुकानों में सुपरवाइजर या सेल्समैन की क्या ही जरुरत है| और अगर नहीं तो फिर दुकानों के बाकि स्टाफ पर कार्रवाई क्यों नहीं कि गई|
वहीं अब विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस गार्ड (राम कुमार) ने शराब में पानी मिलाया उसके सहायक कर्मी या यूं कहें तो इस कृत्या में साथ देने वाले कर्मचारी लिलक वर्मा (तत्कालीन सुपरवाइजर भनपुरी शराब दुकान) को वर्तमान में एरिया मैनजर अमित शर्मा कि साथगांठ से खमतराई शराब दुकान का सुपरवाइजर न्युक्त किया गया है| जानकारी के अनुसार अमित और लिलक के बाच यह साथगांठ तक़रीबन 1.5 लाख रूपये कि हुई है| अब इसे कर्मचारियों पर BIS के एमडी पिरन सिंह या आबकारी के आला अधिकारी कार्रवाई क्यों नहीं करते यह बड़ा सवाल है? क्या एरिया मैनजर कि इस काली कमी का हिस्सा बटवारा एरिया के वर्तमान ADO रविशंकर पैकर या पूर्व ADO राजेंद्र तिवारी तक भी जाता है?