Hariyali teej 2024 : हरियाली तीज कब? जानें 6 या 7 अगस्त कब रखा जाएगा व्रत

हरियाली तीज का पर्व हर साल सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है। हरियाली तीज को श्रावणी तीज भी कहा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु की कामना करके इस व्रत को करती है। वहीं, कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। हरियाली तीज का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं हरियाली तीज की तारीख और महत्व।
हरियाली तीज कब है?
पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त को शाम में 7 53 मिनट पर तृतीया तिथि का आरंभ हो रहा है और 7 जुलाई को रात में 11 बजकर 6 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को ही रखा जाएगा।
हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज को लेकर मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसलिए इस दिन का विशेष महत्व है। महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करके माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना करती है। इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि हरियाली तीज का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने किया था। जिसके फलस्वरूप उन्हें भगवान शिव उन्हें पति के रूप में प्राप्त हुए। इसी के साथ कुंवारी कन्या भी मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं।
हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति पर माता पार्वती और भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। साथ ही इस दिन हरे रंग का भी विशेष महत्व होता है। हरे रंग की चूड़ियां और हरे रंग के वस्त्र पहनने का रिवाज है। ऐसा इसलिए क्योंकि, शास्त्रों में महिलाओं को प्रकृति का रूप माना गया है।