नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। उन्होंने पार्टी मुख्यालय दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ली। खेड़ा ने दो दिन पहले कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था। राधिका खेड़ा ने अपने साथ छत्तीसगढ़ में दुर्व्यवहार करने और साजिश रचने का आरोप लगाया था।
बीजेपी में शामिल होने के बाद राधिका ने कहा कि, रामभक्त होने के नाते रामलला के दर्शन करने पर कौशल्या माता की धरती पर मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया। खेड़ा ने कहा कि मुझे भाजपा सरकार, मोदी सरकार का संरक्षण नहीं मिला था। आज की कांग्रेस महात्मा गांधी की कांग्रेस नहीं है, यह राम विरोधी, हिंदू विरोधी कांग्रेस है।
बता दें कि राधिका खेड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा देने का बाद सुशील आनंद शुक्ला सहित पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे । प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राधिका खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा के दौरान मुझे सुशील आनंद शुक्ला ने शराब ऑफर की। भूपेश बघेल ने कहा छत्तीसगढ़ छोड़ दो। राजीव भवन में मुझे बंद किया गया, मैं चीखती-चिल्लाती, गुहार लगाती रही। मुझे गालियां दी गईं। मैंने ये बात सचिन पायलट, भूपेश बघेल और जयराम रमेश को बताई, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
राधिका ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर जाने का विरोध मुझे इस कदर सहना पड़ेगा, मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था। मेरे साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस ऑफिस में अभद्रता हुई। मेरे साथ धक्का मुक्की की गई। कमरे में बंद कर दिया गया लेकिन मेरे साथ न्याय नहीं हुआ। मैं चीख चीखकर गुहार करती रही। छोटे से लेकर सबसे बड़े शीर्ष नेतृत्व तक गुहार करती रही लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला. खेड़ा ने कहा कि मुझे सिर्फ और सिर्फ न्याय इसलिए नहीं मिला क्योंकि मैं राम मंदिर होकर आई थी। रामलला के दर्शन करके आई थी।
उन्होंने कहा, मैंने हमेशा सुना है कि कांग्रेस राम विरोधी, सनातन विरोधी और हिंदू विरोधी है, लेकिन मैंने कभी इस पर विश्वास नहीं किया। महात्मा गांधी हर बैठक की शुरुआत रघुपति राघव राजा राम से करते थे। जब मैं अपनी दादी के साथ राम मंदिर गई और वहां से लौटने के बाद मेरा हकीकत से सामना हुआ। मैंने अपने घर के दरवाजे पर ‘जय श्री राम’ का झंडा लगाया और उसके बाद कांग्रेस पार्टी मुझसे नफरत करने लगी। जब भी मैंने फोटो या वीडियो पोस्ट किए, मुझे डांटा गया और पूछा गया कि जब चुनाव प्रक्रिया चल रही थी तो मैं अयोध्या क्यों गई।