पाप और पुण्य का हिसाब करती अजय देवगन-सिद्धार्थ मल्होत्रा की ‘थैंक गॉड’
दिवाली की छुट्टियों में हर कोई फैमिली के साथ जाकर ऐसी फिल्म देखना चाहता है जो और एंटरटेनिंग हो थैंक गॉड ऐसी ही एक फिल्म है.
कहानी
ये कहानी है सिद्धार्थ मल्होत्रा की है जो एक एक्सीटेंड के बाद स्वर्गलोक पहुंच जाते हैं. जहां उनकी मुलाकात YD यानि यमदूत से होती है…जो उन्हें CG यानि चित्रगुप्त से मिलवाते हैं….यहां मॉर्डन चित्रगुप्त को देखकर जब सिद्धार्थ सवाल करते हैं तो अजय देवगन कहते हैं कि इसे अमेजन प्राइम के जमाने में दूरदर्शन देखना है. ऐसे ही वन लाइनर्स के साथ ये कहानी आगे बढ़ती है और सिद्धार्थ के पाप पुण्य का हिसाब होता है और चित्रगुप्त उनके साथ एक गेम खेलते हैं.इस गेम में क्या होता है यही फिल्म की कहानी है और इस कहानी को देखते हुए कई चीजों जैसे गुस्से जलन लालच पर बात होती है और आप इस कहानी से खुद को जोड़ते हैं।
एक्टिंग
सिद्धार्थ मल्होत्रा इस किरदार में पूरी तरह से फिट हैं. उन्होंने एक गुस्से वाले पत्नी से जलने वाले और अजब हालात में फंसे शख्स के किरदार को बखूबी निभाया है.वो हैंडसम भी खूब लगे हैं.चित्रगुप्त के किरदार में अजय देवगन फिल्म की जान हैं.अजय देवगन जैसे ही आते हैं माहौल जम जाता है. अजय और सिद्धार्थ के सीन्स फिल्म की जान हैं…रकुल प्रीत सिंह पुलिसावाली के किरदार में हैं जो सिद्धार्थ मल्होत्रा की पत्नी हैं…रकुल का रोल कम है उन्हें थोड़ा और स्क्रीन स्पेस मिलना चाहिए था लेकिन वो अच्छी लगी हैं.
ये फिल्म सिर्फ 2 घंटे की है और यही इस फिल्म की खूबी है.फिल्म कहीं भी आपको बोर नहीं करती.तेजी से आगे बढ़ती है और आप कहानी के साथ खुद को जोड़ते जाते हैं. फिल्म के डायरेक्टर इंद्र कुमार हैं.जिन्होंने धमाल टोटल धमाल औऱ मस्ती जैसी फिल्में बनाई हैं. इंद्र कुमार ने फिल्म अच्छी बनाई है, लेकिन कुछ और कॉमिक पंच अगर होते तो फिल्म देखने में और मजा आता.आप हंसते तो हैं लेकिन पेट पकड़कर नहीं हंसते. थोड़ा और ह्यूमर डाला गया होता तो ये एक कमाल की फिल्म बन सकती थी. लेकिन कुल मिलाकर ये फिल्म आपको निराश नहीं करती…आप इसे फैमिली के साथ देख सकते हैं..एंटरटेन जरूर होंगे.