नवा रायपुर में बनेगी मध्य भारत की सबसे बड़ी खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में मध्य भारत की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि डेढ़ एकड़ के परिसर में बनने वाली यह हाई-टेक लैब प्रदेश में नकली खाद्य सामग्री और दवाओं की जांच प्रक्रिया को तेज करेगी। अब तक दूसरे राज्यों से रिपोर्ट आने में महीनों लगते थे, लेकिन नई सुविधा के बाद जांच रिपोर्ट कुछ ही घंटों में उपलब्ध हो सकेगी।
मंत्री जायसवाल ने कहा कि मुख्य बजट 2025-26 की यह महत्वपूर्ण घोषणा अब साकार हो गई है। लैब निर्माण के लिए 46.49 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी है। अत्याधुनिक मशीनें लगाने तक परियोजना की लागत 100 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इस केंद्र के शुरू होने से दवाओं और खाद्य उत्पादों की जांच के लिए अन्य राज्यों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, रासायनिक परीक्षण क्षमता 500–800 नमूनों प्रतिवर्ष से बढ़कर 7000–8000 नमूने प्रतिवर्ष हो जाएगी। माइक्रोबायोलॉजिकल परीक्षणों के तहत इंजेक्शन, आई ड्रॉप आदि के लगभग 2000 नमूनों की जांच की जा सकेगी। चिकित्सा उपकरण जैसे दस्ताने, कैथेटर आदि जिनका वर्तमान में परीक्षण नहीं होता, उनके भी 500 नमूनों का वार्षिक परीक्षण किया जाएगा। फार्मास्यूटिकल्स नमूनों की जांच क्षमता 50 से बढ़कर 1000 नमूने प्रतिवर्ष हो जाएगी।



