छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या बढ़ाने मध्य प्रदेश से लाए जाएंगे बाघ…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश से बाघ लाए जाएंगे. जिन्हें अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा इसके साथ ही बारनवापारा अभ्यारण मे बाघों के लिए अनुकूल परिस्थितियों के चलते टाइगर छोड़ें जाएंगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज उनके निवास कार्यालय में आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किए गए इन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
इसके साथ ही साथ वन्य प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षण वन्य प्राणी द्वारा मानव वध रोकने के अनेक प्रस्ताव को को मंजूरी दी गई। वन मंत्री मोहम्मद अकबर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा और डॉ लक्ष्मी धूरव इस बैठक में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए वनों की 10 किलोमीटर की परिधि के गांव में आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने वन्य प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टि से वन क्षेत्रों में संचार नेटवर्क को मजबूत बनाने हाथी मानव द्वंद रोकने जागरूकता अभियान को गति देने और वन्य प्राणियों के लिए पानी और चारागाह विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
बैठक में उनसे संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 4 गुना करने के लिए ग्लोबल टाइगर फोरम (GTF) द्वारा प्रस्ताव दिया गया था जिसके क्रियान्वयन की अनुमति बैठक में दी गई जिसके तहत अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघ मध्यप्रदेश से लाकर छोड़े जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि अचानकमार टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों के लिए जल स्त्रोत चारागाह को विकसित किया गया है जिससे शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या में वृद्धि हो सके।
छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में बलौदा बाजार जिले के बारनवापारा अभ्यारण मे फिर से टाइगर को पुनः स्थापित करने के लिए टाइगर छोड़ने के प्रस्ताव को भी बैठक में सहमति दी गई। अधिकारियों ने बताया कि बार नवापारा अभ्यारण मे वर्ष 2010 तक टाइगर पाए जाते थे टाइगर री- इंट्रोडक्शन एवं टाइगर रिकवरी प्लान के तहत ख्याति प्राप्त वन्यप्राणि संस्थान से हैबिटेट सूटेबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी जिसकी स्वीकृति राष्ट्रीय व्याघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली से प्राप्त होने के बाद इस अभयारण्य मे बाघ पूरा पुनः स्थापना का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
वन अधिकारियों ने बताया कि शाकाहारी वन्य प्राणियों को विभिन्न प्रजनन केंद्रों एवं अन्य स्थानों से लाकर प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों के प्राकृतिक रहवासी में छोड़ा गया है कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में 49 चीतल बारनवापारा अभयारण्य मे 39 काला हिरण गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में 113 चीतल अचानकमार टाइगर रिजर्व में 20 चीतल तमोर पिंगला अभयारण्य में 14 चीतल विभिन्न संरक्षित क्षेत्रों के नैसर्गिक रहवास में छोड़ा गया है।
बैठक में यह जानकारी भी दी गई छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्रों में हाथियों के लिए चारागाह पानी आदि की व्यवस्था करने से मानव द्वंद की घटनाओं में काफी कमी हुई है जिससे हाथी ग्रामीण क्षेत्र में नहीं आ रहे हैं लगभग 11, हजार 314 हेक्टेयर चारागाह विकसित किया गया है लगभग 80, हजार हेक्टेयर में खाद्य घास की प्रजातियां लगाई गई है।
वन्य प्राणियों के पानी की व्यवस्था के लिए 12 का स्टॉप डैम 40 तालाब 65 डैम 98 तालाब का गहरीकरण किया गया है इस तरह 52 नलों में भूजल संवर्धन और भूजल संरक्षण के लिए सरचनाएं निर्मित की गई है छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में भारतमाला परियोजना अंतर्गत प्रस्तावित रायपुर विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कोरिडोर निर्माण के लिए उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में केशकाल एवं कांकेर वन मंडल के लगभग 64 वन क्षेत्र तथा भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून द्वारा चिन्हांकित इंद्रावती उदंती सीतानदी सुनाबेड़ा टाइगर कॉरिडोर के 7 वन से गुजरने वाले लगभग 3.7 किलोमीटर राज्य मार्ग में प्रस्तावित इकोनामी कॉरिडोर निर्माण के लिए अनुमति दी गई इस प्रस्ताव को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को भेजा जाएगा।
इसके साथ ही बैठक में भोपालपटनम से जगदलपुर राष्ट्रीय राज्य मार्ग में चिंता वागू नदी पर नवीन पुल निर्माण की अनुमति दी गई है यह प्रस्ताव भी राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को अनुमति के लिए भेजा जाएगा इस नवीन पुल एवं पहुंच मार्ग का निर्माण इंद्रावती टाइगर रिजर्व के बफर जोन के 1.177 हेक्टेयर रकबा के अंतर्गत आता है।