कोयला कर्मियों व अधिकारियों में टकराव, दोनों ने की आंदोलन की घोषणा
कोरबा । कोयला कर्मियों का 11 वां वेतन विवाद गहराता जा रहा। कर्मचारियों के समर्थन में सभी पांच श्रमिक संगठन ने अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए देश भर में पांच अक्टूबर से तीन दिन काम बंद आंदोलन का ऐलान कर दिया है। वहीं दूसरी ओर अधिकारियों के एक संगठन ने भी 30 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन करने प्रबंधन को नोटिस दे दिया है। करीब दो साल बाद कोल इंडिया के उत्पादन में सुधार आया है, इस दौरान अधिकारी व कर्मचारियों के बीच टकराव की वजह से कंपनी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
जुलाई 2021 से लंबित कोयला कर्मियों के 11 वां वेतन समझौता पर जून 2023 को जेबीसीसीआइ की बैठक में सहमति बनी थी। इसके बाद बढ़े हुए दर कोयला कर्मियों को वेतन भुगतान भी शुरू हो गया, वहीं सितंबर माह में 23 माह की बकाया राशि का एरियर्स भी भुगतान कर दिया गया। कर्मियों का यह वेतन समझौता कोयला अधिकारियों को पसंद नहीं आया और उन्होंने डिपार्टमेंट आफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (डीपीई) की गाइड लाइन का पालन नहीं करने, उच्च श्रेणी के कर्मियों का वेतन अधिकारियों से अधिक होने का आरोप लगाते हुए जबलपुर उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश, बिलासपुर उच्च न्यायालय छत्तीसगढ तथा दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। सुनवाई के बाद सबसे पहले जबलपुर उच्च न्यायालय का फैसला आया। इसमें कोयला कर्मियों के वेतन समझौता को खारिज कर दिया, साथ ही डीपीई कोे 60 दिवस के भीतर इस मुद्दे पर चर्चा कर अंतिम निर्णय लेने कहा। इस फैसला से जहां अधिकारियों में प्रसन्नता व्याप्त हो गई, वहीं श्रमिक संगठन प्रतिनिधि व कर्मियों में आक्रोश बढ़ गया। अधिकारियों की इस कार्यप्रणाली के विरोध में गुरूवार को रांची में पांचो श्रमिक संघ बीएमएस, एचएमएस, सीटू, एटक व इंटक के प्रतिनिधि एकजूट हुए।
इस मुद्दें पर मंथन करने के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोल इंडिया और एससीसीएल प्रबंधन पूर्व- निर्धारित वेतन और भत्तों को रोकने या कम करने का फैसला लेता है, तो आगामी पांच, छह व सात अक्टूबर को कोयला उद्योग के पांचों केंद्रीय श्रम संगठन हड़ताल पर जाएंगें। इसके साथ ही सभी क्षेत्रीय इकाई के पदाधिकारियों की हड़ताल की तैयारी शुरू करने पत्र जारी कर दिया है। बैठक में बीएमएस से के लक्ष्मीरेड्डी, मजरूल हक अंसारी, इंटक के कुमार जयमंगल, एके झा, एचएमएस से नाथूलाल पांडे, आरबी राघवन, एटक से रविंद्र कुमार, अशोक यादव, सीटू से डीडी रामानंदन, आरपी सिंह समेत अन्य उपस्थित रहे।
श्रमिकों ने इन मुद्दों पर भी लिया निर्णय
बैठक में पांचों श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों ने इस कार्रवाई की निंदा की। साथ ही कहा कि आफिसर्स एसोसिएशन की इस कार्रवाई ने कोयला उद्योग में श्रमिकों और अधिकारियों के बीच वर्षो से चले रहे संबंध में खटास पैदा किया है। बैठक में तय किया गया कि कोल इंडिया प्रबंधन या भारत सरकार 10 वर्ष के अंदर अधिकारियों के वेतन, सुविधाओं व भत्तो में किसी प्रकार का बढ़ोत्तरी करती है तो सभी श्रमिक संघ विरोध करेंगे। बावजूद लागू किया जाता है तो उसी के अनुरूप कर्मियों पर भी लागू करना होगा। 21 व 22 सितंबर को कोयला कंपनी के सभी इकाई स्तर पर हड़ताल को सफल बनाने गेट मीटिंग होगी व तीन अक्टूबर को एरिया स्तर पर संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया जाएगा।
बैठक में शामिल नहीं होने देंगे अधिकारियों को: रेड्डी
बीएमएस के कोल प्रभारी के लक्ष्मा रेड्डी ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि अधिकारियों के साथ कोयला उद्योग में होने वाली किसी भी बैठक में श्रमिक संगठन प्रतिनिधि भाग नहीं लेंगे। यहां बताना होगा कि कंपनी स्तर पर वेलफेयर समेत विभिन्न बैठक में प्रबंधन श्रमिक संघ प्रतिनिधियों के साथ ही अधिकारियों के संगठन आफिसर्स एसोसियेशन के पदाधिकारियों शामिल करता है। जबकि कर्मचारियों के मुद्दों पर बैठक में चर्चा होती है। इसका विरोध करने से अधिकारियों को अब दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
कोल इंडिया ने दायर की अपील
जबलपुर उच्च न्यायालय द्वारा कोयला वेतन समझौता-11 पर दिए गए निर्णय के बाद जहां श्रमिक संघ लामबंद हो गए है, वहीं दूसरी तरफ कोल इंडिया ने जबलपुर उच्च न्यायालय में ही अपील दायर कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि दो-तीन दिन के भीतर मामले की सुनवाई होगी। इस संबंध में बीएमएस नेता रेड्डी ने बताया कि डबलबेंच में अपील की गई है। सुनवाई की तिथि अभी स्पष्ट नहीं हुई है।
वेतन घटा तो नहीं बैठेंगे चुप
संयुक्त बैठक के बाद श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने हड़ताल नोटिस कोल इंडिया और एससीसीएल के चेयरमैन को भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि एनसीडब्ल्यूए-11 समझौता अनुसार जुलाई-अगस्त, 2023 माह के वेतन का भुगतान अगस्त- सितंबर, 2023 में किया गया। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि कामगारों को सितंबर, 2023 का वेतन का एनसीडब्ल्यूए-10 के पुराने वेतन के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी कामगारों को सितंबर 2023 माह का वेतन अक्टूबर में समय पर और एनसीडब्ल्यूए-11 के अनुसार ही किया जाए। कोल इंडिया, सिंगरेनी कोलियरिज कंपनी लिमिटेड प्रबंधन यदि ऐसा नहीं करता है तो तीन दिवसीय हड़ताल की जाएगी।
कोल इंडिया के मुख्यालय कोलकाता में अधिकारी करेंगे प्रदर्शन
आल इंडिया एसोसिएशन आफ कोल एक्जीक्यूटिव्स (एआइएसीई) अब अधिकारियों के समर्थन में मैदान में उतर गया है और राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते (एनसीडब्ल्यूए-11) के कार्यान्वयन के बाद पैदा हुए वेतन संघर्ष के तत्काल समाधान के लिए 30 अक्टूबर को कोल इंडिया कार्यालय, कोलकाता और सिंगरेनी कोलियरी कार्यालय, हैदराबाद के समक्ष एक दिवसीय प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। एआइएसीई के संयोजक पीके सिंह राठौड़ कहा कि 23 जून से एनसीडब्ल्यूए-11 लागू होने के बाद कई अधिकारियों का वेतन कर्मचारियों से भी कम हो गया है, इससे कार्यरत पदाधिकारियों में आक्रोश व्याप्त है। सार्वजनिक उद्यम विभाग ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारी का वेतन अधिकारियों से अधिक नहीं होना चाहिए।
इस संबंध में डीपीई द्वारा प्रशासनिक मंत्रालयों- विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को व्यक्तिगत वेतन (पीपी) प्रदान करके इस वेतन-संघर्ष को समाप्त किया जा सकता है। इसकी आवश्यक प्रक्रिया शुरू करने के लिए एआइएसीई द्वारा 30 सितंबर 2023 की समय सीमा दी गई थी। राठौड़ ने बताया कि अगर समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो भविष्य में कोई भी कार्रवाई तय की जा सकती है।