ED के फंदे में IAS: समीर बिश्नोई को जमानत नहीं 23 नवंबर तक MCR पर जेल…

रायपुर। कॉल परिवहन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद आईएएस समीर बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। उनके वकील आज ही जमानत की अर्जी लेकर न्यायालय पहुंचे थे इस मामले में बहस हुई जज अजय सिंह राजपूत की अदालत ने वकीलों की दलील को सुना मगर जमानत देने से इंकार कर दिया। बता दें कि समीर बिश्नोई अब रायपुर की जेल में ही रहेंगे।

पिछली पेशी में 23 नवंबर तक न्यायिक रिमांड पर रखा गया था सूत्रों के अनुसार इस मामले में अब रायपुर की सेशन अदालत के बाद बिश्नोई के वकील हाई कोर्ट में भी जमानत की याचिका लगा सकते हैं वैसे माना जा रहा है कि इस अदालत से उन्हें राहत नहीं मिलेगी। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि ईडी ने कर्नाटक के बेंगलुरु में दर्ज जिस केस के आधार पर शिकायत दर्ज की थी उस पर कर्नाटका हाई कोर्ट ने स्टे कर दिया है।

आज की सुनवाई में बचाव पक्ष ने कहा अगर मूल FIR पर किसी कार्रवाई से स्टे मिल सकता है तो उससे संबंधित सभी कार्यवाई रुक जानी चाहिए। रायपुर की अदालत ने इस तर्क को नहीं माना सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पूर्व में सामने आए ऐसे मामलों में सम्मिलित अफसरों को जमानत ना देने पर जोर दिया है।

यहां भी यही हुआ और और आईएएस समीर बिश्नोई को जमानत नहीं मिली। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई को निलंबित कर दिया था। ईडी की बिश्नोई के यहां छापा मारकर 45 लाख रुपया नगद और 2 करोड रुपए कीमत के गहने बरामद करने के बाद की गई थी।
कोयला परिवहन में अवैध वसूली की भूमिका...
ईडी ने अदालत को जो बताया था उसके मुताबिक 15 जुलाई 2020 को खनिज साधन विभाग के तत्कालीन संचालक समीर बिश्नोई ने एक अधिसूचना जारी की थी इस अधिसूचना में किसी भी तरह के खनिज के परिवहन की अनुमति के लिए चल रहे ऑनलाइन व्यवस्था को खत्म कर दिया गया था।