अभी दल्ली दूर है: मरोदा से बालोद तक बिजली से चलेगी मालगाड़ी, यात्री ट्रेन को अभी मंजूरी नहीं, पहले चरण का ट्रायल सफल, दूसरे चरण में भानुप्रतापपुर…

दुर्ग। कोलकाता के कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी टीम बिलासपुर बोर्ड व रायपुर रेल मंडल से अनुमति मिलने के बाद बालोद रेक पॉइंट तक डीजल इंजन के बजाएं इलेक्ट्रिक इंजन से माल गाड़ी चलाने की अनुमति दे दी है। जिसकी अनुमति के बाद सप्ताह में 4 से 5 मालगाड़ियां बिजली से चलाई जा रही है जिसकी पुष्टि रेल विभाग ने की है।
हालांकि अभी भी ज्यादातर मालगाड़ी और यात्री गाड़ी डीजल से चल रही है क्योंकि दल्ली राजहरा में लोडिंग के लिए ट्रांसफार्मर लगेगा इसके बाद ही अनुमति दी जाएगी। वहीं पहले चरण में मरोदा से दल्ली राजहरा तक विद्युतीकरण का काम पूरा कर ट्रायल हो चुका है जिसके बाद रेलवे की ओर से निर्णय लिया गया है की दूसरे चरण में दल्ली राजहरा के आगे भानुप्रतापपुर केवटी अंतागढ़ तक भी विद्युतीकरण किया जाएगा।
रेलवे अफसरों के अनुसार संभवतः काम पूरा होने के बाद मालगाड़ी व यात्री गाड़ी को डीजल के बजाय बिजली से चलाने की अनुमति दी जाएगी। रेल मंडल रायपुर के सीनियर पब्लिसिटी इंस्ट्रक्टर शिव प्रसाद पवार ने बताया कि पहले कोई भी बड़े प्रोजेक्ट पर काम चरणबद्ध तरीके से करती है दल्ली राजहरा तक विद्युतीकरण पूरा हो चुका है. अब आगे प्लानिंग के अनुसार जहां तक ट्रेन चल रही है वहां तक विद्युतीकरण प्रस्तावित है।
दिल्ली के चीफ स्टेशन मास्टर पीके वर्मा ने बताया कि बालोद तक मालगाड़ी को बिजली से चलाने की अनुमति दी गई है। दल्ली तक विद्युतीकरण का काम हो चुका है डीजल के बजाय बिजली से मालगाड़ी व यात्री ट्रेन चलाने के लिए दुर्ग जिले के मरोदा से बालोद जिले के दल्ली राजहरा तक विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। जिसका ट्रायल कोलकाता के कमिश्नर ऑफ़ रेलवे सेफ्टी की टीम कर चुकी है।
निर्धारित मापदंड पर स्पीड व अन्य गतिविधियों को परखने के बाद कई फाल्ट आए है इसकी जानकारी संबंधित अफसरों व इंजीनियर को दी गई है इसे गोपनीय रखा गया है रेलवे की ओर से पहले मालगाड़ी फिर यात्री ट्रेन बिजली से चलाने की प्लानिंग है। मरोदा से बालोद तक विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद ट्रायल करने कोलकाता की टीम पहुंची थी। टीम ने बताया कि यहां ट्रेन चलाने के लिए किसी प्रकार का रोड़ा नहीं है वर्तमान में डीजल से ट्रेन चल रही है इसलिए कई बार डीजल डालने इंजन बदलने की नौबत आती है। विद्युतीकरण होने से इंजन नहीं बदलना पड़ेगा।
इलेक्ट्रॉनिक इंजन लगने से ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी वहीं डीजल इंजन के चलने से प्रदूषण फैलने से पर्यावरण का भी नुकसान है स्पीड भी कम होती है। दुर्ग मरोदा गुंडरदेही लाटाबोर्ड बालोद दल्ली राजहरा भिलाई 3 चरोदा कुम्हारी से रायपुर तक लोकल ट्रेन से यात्री आना जाना पसंद करते हैं लोकल ट्रेन की स्पीड बढ़ने की शुरुआत दुर्ग से दल्ली राजहरा रूट से होगी। स्पीड बढ़ने से समय की बचत होगी।