Chhattisgarh

सड़क से लेकर हवाई यात्रा बना चुनावी मुद्दा, जनता को लाइट मेट्रो ट्रेन के साथ बीआरटीएस की दरकार

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक परिवहन व यातायात आज भी लोगों के लिए चुनावी मुद्दा बना हुआ है। इस क्षेत्र में विकास हुआ है। इस बात से कतई गुरेज नहीं है, मगर अभी भी काम करना बाकी है। 15 साल भाजपा और पांच साल से कांग्रेस सरकार है, लेकिन छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक परिवहन की दिशा में उम्मीदों के अनुरूप सुधार नहीं हुआ। सड़क, रेल और हवाई यातायात में काफी कुछ करने की आवश्यकता है। छत्तीसगढ़ में अन्य शहरों की तर्ज पर लाइट मेट्रो ट्रेन के साथ ही बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) की आवश्यकता है।

प्रदेश में नए जिलों के अलावा पुराने ऐसे जिले हैं, जहां बसों की जरूरतें पूरी नहीं हो पाई है। राज्य गठन के 22 वर्ष बाद भी एक भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान की सौगात छत्तीसगढ़ को नहीं मिल पाई। राज्य में आबादी तीन करोड़ से अधिक हैं, लेकिन वर्तमान में सिर्फ एक शहर से दूसरे शहर सिर्फ 13 हजार 098 बसें संचालित हैं। एक बस के पीछे औसत व्यक्ति यों की संख्या 2200 हैं। सार्वजनिक परिवहन में बसों की स्थिति यह है कि सुकमा में दो, नारायणपुर में तीन बसें ही संचालित हो रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर करने की जरूरत है। हवाई सेवाओं पर गौर करें तो अभी भी देश की कई राजधानियों से छत्तीसगढ़ की हवाई कनेक्टिविटी नहीं हो पाई है। कई प्रस्तावों के बाद भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान का प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया। शहरों में सिटी बसों की स्थिति खराब है। चुनावी साल में यह मुद्दा भी पक्ष-विपक्ष में राजनीति का केंद्र रह सकता है।

सड़कों पर अवैध कब्जा, बसों का निकलना मुश्किल

सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में सड़कों की कम चौड़ाई और बेहतर ट्रैफिकिंग का नहीं होना बड़ी समस्या बनकर उभरी है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा,रायगढ़, धमतरी आदि शहरों में यातायात अव्यवस्था की वजह से भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के अभाव की वजह से बसों-टैक्सियों और अन्य परिवहन माध्यमों के बेहतर संचालन का अभाव दिखता है।

100 शहरों में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों का लक्ष्य

ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 100 शहरों में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों का लक्ष्य रखा है। योजना की अनुमानित लागत 57 हजार करोड़ रुपये होगी, जिसमें 20 हजार करोड़ केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त होगा। पीपीपी माडल पर यह बसें 10 वर्षों के लिए उपयोगी होगा। तीन लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में यह बसें संचालित होगी। छत्तीसगढ़ के रायपुर के साथ कोरबा, बिलासपुर योजना में शामिल किए गए हैं। चूंकि राजधानी की आबादी 15 लाख से अधिक हैं,लिहाजा 100 बसें शहर को मिल सकती है।

यात्री बढ़े,लेकिन नए शहरों के लिए विमान नहीं

छत्तीसगढ़ में हवाई यात्रा की स्थिति पर गौर करें तो स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट माना से प्रतिदिन सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है ,लेकिन छत्तीसगढ़ से नए शहरों के लिए अभी भी विमानों की कमी बनी हुई है। राजधानी से श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर), देहरादून (उत्तराखंड), चंडीगढ़ (पंजाब-हरियाणा), रांची (बिहार),जयपुर (राजस्थान),पटना (बिहार), गांधीनगर (गुजरात) आदि के लिए सीधी उड़ान की सुविधा नहीं है। वर्तमान में राजधानी से प्रतिदिन औसत 5500 से 6000 हवाई यात्री सफर कर रहे हैं। विदेशी उड़ान नहीं होने की वजह से छत्तीसगढ़ के हवाई यात्रियों को मजबूरी में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्न्ई से विदेश के लिए फ्लाइट लेनी पड़ रही है।

सिटी बसों की हालात खराब, जरूरत नई बसों की

प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में सिटी बसों की स्थिति खराब है। वर्तमान में निगम के जरिए चलाई जा रही सिटी बसों की संख्या लगभग 50 हैं, जिसमें 17 बसें जर्जर स्थिति में हैं। नवा रायपुर में बीआरटीएस के अंतर्गत बसें संचालित हैं, लेकिन यह बसें सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए आरक्षित हैं। सामान्य नागरिकों के लिए नवा रायपुर आने-जाने के लिए भी बसों की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक सिटी बसों की संख्या में वृद्धि के साथ ही इसके संचालन को दुरुस्त किया जाना चाहिए।

प्रदेशभर में सर्वे की आवश्यकता : मिनी पिल्लेवार

यातायात विशेषज्ञ मनीष पिल्लेवार ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन के लिए प्रशासन को प्रदेशभर में सर्वेक्षण करना चाहिए, ताकि लोगों की जरूरतों के मुताबिक परिवहन विकल्प तैयार किए जा सके। ना सिर्फ बड़ी बसें,बल्कि अलग-अलग स्थानों पर मिनी बस से लेकर टैक्सी और ई-रिक्शा की आवश्यकता होती है। प्रदेश में लाइट मेट्रो ट्रेन की योजना सफल हो सकती है। इसमें रायपुर से महासमुंद, धमतरी, दुर्ग-भिलाई, गरियाबंद, बिलासपुर आदि शहर को जोड़ा जाना चाहिए।

फैक्ट फाइल

प्रमुख जिलों में बसों की स्थिति

जिला-बसों की संख्या

रायपुर-2755

दुर्ग-1433

बिलासपुर-1819

राजनांदगांव-994

रायगढ-613

कोरबा-405

प्रदेशभर में कुल बसें-13098

आदिवासी और नक्सल प्रभावित जिलों में स्थिति

जिला-बसों की स्थिति

सुकमा-02

कोंडागांव-123

दंतेवाड़ा-93

बीजापुर-10

नारायणपुर-03

(आंकड़े-परिवहन विभाग के मुताबिक)

छत्तीसगढ़ से इन शहरों के लिए विमान

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलुरु, हैदराबाद, विशाखापट्नम, भोपाल

इस तरह बढ़ी रोजाना उड़ान भरने वाले विमानों की संख्या

वर्ष-विमानों की संख्या

2000-10

2010-20

2015-30

20200-40

2023-52 (सितंबर के आंकड़े)

Chaiपुर
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NU Desk

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