उम्र 52 वर्ष, स्पाइनल डिस्क का ऑपरेशन फिर भी राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग में हासिल किए कई स्वर्ण…

कोरिया। जुनून उम्र की मोहताज़ नहीं होती, जहां 45 की उम्र में महिलाओं को कमर और घुटनों की तकलीफ घर करने लगती है। वहीं चिरमिरी की 52 वर्षीय संजीदा खातून ने स्पाइनल डिस्क के ऑपरेशन के बाद भी स्ट्रॉन्ग वूमेन का खिताब के साथ 3 बार नेशनल पावरलिफ्टिंग व नेशनल स्ट्रेंथलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक हासिल कर अपने जीत का डंका बजाया।
वर्ल्ड पावर लिफ्टिंग इंडिया द्वारा आयोजित पुरुष और महिला राष्ट्रीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप 22 मई से 27 मई तक हावड़ा, वेस्ट बंगाल में संपन्न हुई। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों के 600 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के 59 खिलाड़ियों ने भी इस राष्ट्रीय पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया और स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक के साथ चैंपियनशिप की ट्रॉफी भी अपने नाम किया।
विदित हो कि जिला कोरिया चिरमिरी की निवासी 52 वर्षीय तीन बार छत्तीसगढ़ स्ट्रॉन्ग वूमेन रह चुकी संजीदा खातून ने 200 किलो वजन उठा कर इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 72 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
52 वर्ष की संजीदा खातून ने अपने जीत का श्रेय अपनी बेटी अलीशा शेख़ जो स्वयं नेशनल पावरलिफ्टर एवं युवा कवयित्री हैं साथ ही अपने कोच धर्मेंद्र दास एवं राम नारायण सिंह को दिया। साथ ही उन्होंने बताया की जिम जाने से कैसे उनके जीवन में बदलाव हुआ कैसे उन्होंने अपनी बीमारियों को खत्म कर डॉक्टरों और आमजनों को अचरज में डाल दिया। नित व्यायाम योग के साथ उन्होंने पावरलिफ्टिंग शुरू की और अबतक 6 स्वर्ण पदक हासिल किया और 3 बार स्ट्रॉन्ग वूमेन ऑफ छत्तीसगढ़ रह चुकी हैं।
संजीदा खातून न केवल पावरलिफ्टिंग बल्कि स्ट्रेंथलिफ्टिंग में भी स्वर्ण पदक हासिल कर चुकी हैं। और छत्तीसगढ़ महिला मास्टर वर्ग में हेवी वेट लिफ्ट 75 किलो का पुराना रिकॉर्ड तोड़ 90 किलो हैक लिफ्ट उठा अपने नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज करा चुकी हैं।