आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा हसदेव अरण्य बचाने के लिए किया गया प्रदर्शन…

राजिम। छत्तीसगढ़ की हृदय कहे जानी वाली हसदेव अरण्य इन दोनों काफ़ी गंभीर एवं पर्यावरण विदो एवं बुद्धिजीवियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। सरकार द्वारा कोयला खनन के लिए अडानी पावर को खनन की स्वीकृति देना के बाद से 4 लाख़ विशालकाय पेड़ों को काटा जाएगा जिससे पूरा पर्यावरण पारिस्थितिक तंत्र असंतुलित होने से जिसका दुष्प्रभाव मनुष्यों पर पड़ेगा।

इन्हीं विषयो को लेकर विश्व पर्यावरण दिवस की पुर्व संध्या को गोबरा नवापारा नगर के प्रवेश स्थल पं दीनदयाल उपाध्याय चौंक के पास आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के बच्चों के द्वारा हसदेव अरण्य को बचाने को लेकर जागरुकता सभा का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने नारे लगा कर नगर वासियों को जागरुक करने का प्रयास किया एवं हसदेव अरण्य को बचाने के लिए बच्चों ने सरकार से हसदेव अरण्य के वृक्षों को ना काटने का अपील किया।
संस्था के वरिष्ठ सदस्य हरीश शादीजा ने बताया कि वृक्ष हमारे लिए बहुत महत्व पूर्ण हैं इसका बचाओ संरक्षण करना चाहिए। आज के लिए हसदेव अरण्य बचाओ पर्यावरण बचाओ के जागरुकता सभा में आर्ट ऑफ लिविंग संस्था रायपुर से आए प्रशिक्षक हरीश शादीजा, प्रेरणा वंडलकर, स्थानीय सदस्य राहुल जगवानी,अमित मखीजा, दिलीप रेलवानी, दिनेश छाबड़ा, प्रतिभागी किशोर बच्चे, याशना मेघवानी, लवली मध्यानी, महक काबरा,सक्षम काबरा, हर्ष राजपाल, ओजस साधवानी सहित और अन्य लोग भी शामिल थे।