
नई दिल्ली। केजरीवाल हमेशा ही नेताओं की सुख सुविधाओं के खिलाफ रहे हैं लेकिन अब उनकी नीतियों में बदलाव देखा जा रहा हैदरअसल, केंद्र सरकार ने विधायकों की सैलरी में बढ़ोतरी को अपनी मंजूरी दे दी है, अभी विधायकों को सभी भत्ते मिलने के बाद 54 हजार रुपये प्रति महीने मिलते हैं, जबकि बढ़ोतरी के बाद विधायकों को हर महीने 90 हजार रुपये मिलेंग नए सैलरी स्ट्रक्चर के मुताबिक
1. बेसिक वेतन- 30,0002. चुनाव क्षेत्र भत्ता- 25,0003. सचिवालय भत्ता- 15,0004. वाहन भत्ता- 10,0005. टेलीफोन- 10,000कुल सैलरी- ₹90,000 विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के अनुसार पिछली बार विधायकों की सैलरी 2011 में बढ़ाई थी, लेकिन 11 साल बाद इतनी कम सैलरी बढ़ोतरी उपयुक्त नहीं है, उन्होंने कहा, दिल्ली में भी विधायकों को दूसरे राज्यों के बराबर ही सैलरी और भत्ते मिलने चाहिए, केंद्र की मंजूरी के बाद अब दिल्ली विधानसभा में अगले सत्र में विधायकों की सैलरी बढ़ोतरी का बिल लाया जाएगा।आतिशी का कहना है कि आज 10 साल के बाद दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह बढ़ाई गई है, पिछली बार 2011 में दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह बढ़ी थी, और अब 10 साल बाद जब महंगाई इतनी बढ़ गई है तब यहां के विधायकों की तनख्वाह बढ़ाई गई है, आज भी विधायकों की तनख्वाह बढ़ाने के बाद पूरे देश में सबसे कम अगर किसी की तनख्वाह है तो वो दिल्ली के चुने हुए विधायकों की है।10 अलग-अलग राज्यों में विधायकों का वेतन भत्ता
1. उत्तराखंड – 1.98 लाख2. हिमाचल प्रदेश – 1.90 लाख3. हरियाणा- 1.55 लाख4. बिहार – 1.30 लाख5. राजस्थान- 1,42,5006. तेलंगाना- 2,50,0007. आंध्र प्रदेश- 1,25,0008. गुजरात- 1,05,0009. उत्तर प्रदेश- 95,00010. दिल्ली- 90,000