70 प्रकार के बीजों व अनाज से निर्मित रानी निषाद का आर्ट बना लोगों में आकर्षण का केंद्र, मिली सराहना…

नगर की सुश्री रानी निषाद का नाम गोल्डन बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड में हो चुका है दर्ज...
नवापारा राजिम। प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती और ना ही किसी सुख सुविधा की अपेक्षा रखती है, अभाव में ही कला का जन्म होता है । कला किसी की जागीर नही होती। एक कलाकार ,कलाकार यूं ही नहीं बनता जमाने भर की ठोकरें खाने व संघर्ष करने के बाद ही कलाकार बन पाता है। उसकी लगन और मेहनत उसे उस मुकाम तक पहुंचाती है, जहां पहुंचने के लिए जहां उसे काफी संघर्ष करना पड़ता है। नगर के वार्ड क्रमांक 17 निवासी एक ऐसी ही हुनरमंद कलाकार हैं रानी निषाद जो की अपनी कला के माध्यम से प्रदेश सहित देश दुनिया में नगर व अंचल का नाम रोशन कर रहीं है।

पिछले दिनों राजधानी रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य एवं नृत्य महोत्सव तथा आर्ट कांपिटिशन सह प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें देश के अनेक राज्यों के 56 जिले से आए हुए प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें नगर की सुश्री रानी निषाद ने भी हिस्सा लिया था। धान एवं बीजों से बनाई हुई उनकी कलाकृति प्रदर्शनी की हिस्सा थी।लगने को तो यह किसी पेंटिंग की तरह लगता है लेकिन इसे चावल व 70 प्रकार के बीजों व मसालों से बनाया गया है।
रानी निषाद ने अपनी कलाकृति में यह बताने का प्रयास किया है कि नारी ही परिवार की धुरी है। उक्त कलाकृति में हम दो हमारे दो के साथ ही छोटा परिवार ,सुखी परिवार का संदेश भी देती है। रानी निषाद की उक्त कलाकृति को लोगों ने काफी सराहा है । यहां पर यह बताना लाजिमी होगा की रानी की ऐसी अनोखी कलाकृति के लिए रानी निषाद का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है।