स्कूल कार्यालय बंद कर मंहगाई व गृह भाड़ा भत्ता के लिए शिक्षक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन…

सबसे कम महंगाई भत्ता छत्तीसगढ़ में, इसलिए शिक्षक व कर्मचारी हड़ताल के लिए हुए मजबूर...
छत्तीसगढ़ बना सबसे कम महंगाई भत्ता देने वाला राज्य...
बिलासपुर। महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर में 17% लंबित महंगाई भत्ता व सातवें वेतनमान पर गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग को लेकर बिलासपुर के नेहरू चौक में शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने बोर्ड मूल्यांकन कार्य व स्कूल,कार्यालय बंद कर धरना प्रदर्शन कर व रैली निकालकर कलेक्टर महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री महोदय के नाम ज्ञापन सौपा।
धरना को संबोधित करते हुए महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि किसी संघ विशेष के बैनर में नही बल्कि शिक्षक व कर्मचारी अपनी महंगाई भत्ता व गृहभाड़ा भत्ता लेने स्वस्फूर्त एकजुट हुए है, वर्तमान महंगाई की मार कर्मचारियो पर भारी पड़ रहा है, वेतन में अभी मात्र 17% ही महंगाई भत्ता दिया जा रहा है जबकि परम्परा व नियमानुसार कर्मचारियो को 34% महंगाई भत्ता दिया जाना चाहिए, केंद्र व अन्य राज्य 34% महंगाई भत्ता दे रहे है, छत्तीसगढ़ राज्य में कर्मचारी 17% महंगाई भत्ता में पीछे है, जिससे उन्हें 5 हजार से 14 हजार तक कम वेतन प्रतिमाह मिल रहा है, इससे शिक्षक व कर्मचारियो में भारी नाराजगी है।

पदाधिकारियों ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे कम महंगाई भत्ता 17% मात्र दिया जा रहा है, जिसके कारण शिक्षक व कर्मचारी हड़ताल के लिए मजबूर हुए है, जनवरी 2020 से किश्त में लंबित महंगाई भत्ता –
- जनवरी 2020 – 4%
- जुलाई 2020 – 3%
- जनवरी 2021 – 4%
- जुलाई 2021 – 3%
- जनवरी 2022 – 3%
कुल 17% उक्त महंगाई भत्ता लंबित है...
शिक्षक व कर्मचारी शासन से पूछ रहे है कि आखिर उक्त लंबित महंगाई भत्ता कब दी जाएगी, कर्मचारियो का महंगाई से जुझने का सहारा मात्र महंगाई भत्ता ही है, किन्तु वह भी ढाई वर्ष से रोके रखा गया है।
महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने शिक्षक व कर्मचारियो का 17% बकाया DA से माह में कितना आर्थिक नुकसान हो रहा है, इसका एक आंकलन किया है...
- 28000/- वेतन पाने वाले को 4760/- रूपये
- 33000/- वेतन पाने वाले को 5610/- रूपये”
- 49000/- वेतन पाने वाले को 8330/- रूपये
- 70000/- वेतन पाने वाले को 11900/- रूपये
कर्मचारियो व अधिकारियों के वेतनमान के अनुसार इसी तरह से बकाया DA का नुकसान सभी को हो रहा है। अनुमानित 1 लाख रुपए से 4 लाख रुपए तक का नुकसान अब तक हो चुका है और हर माह यह नुकसान बढ़ता जा रहा है।
इसी प्रकार 7 वे वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता को पुनरीक्षित कर देने की मांग के लिए सभी विभाग के कर्मचारी एकजुट हुए।

धरना प्रदर्शन, रैली, ज्ञापन कार्यक्रम में महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक रोहित तिवारी, प्रवेश सह संयोजक मनोज सनाढ्य, अनिल तिवारी, बिलासपुर जिला संयोजक संतोष सिंह, सुनील यादव, अनिल शर्मा, अमरु साहू, नीलम सिंह, प्रतिभा अवस्थी, डॉ. रत्ना मिश्रा, सरिता सिंह करीम खान, नर्मदा प्रसाद गढ़ेवाल, डॉ. चंद्रशेखर गुप्ता, चंद्रकांत पांडेय, जय कौशिक, आशीष गुप्ता, डॉ. अखिलेश तिवारी, आदित्य पांडेय, शुभ्रारानी चतुर्वेदी, मधु मनहर, एम.महेश्वरी, रेखा कौशिक, उषा पाटले, ज्योति दास, कावेरी यादव, चानी ऐरी, राजेश पांडेय, आलोक पांडेय, विनय गुप्ता, कमलेश साहू, कमलनारायण गौरहा, कौशल तिवारी, डॉ. प्रदीप निरनेजक, देवब्रत मिश्रा, प्रमोद शर्मा, डॉ. मनीराम कौशिक, भूपेंद्र शर्मा, धीरेंद्र पांडेय, धीरेंद्र पाठक, डॉ.रमाकांत शर्मा रूपेंद्र सिंह महिलांगे, रविन्द्र घोरे, ब्लॉक संयोजक बिल्हा साधे लाल पटेल, ब्लॉक संयोजक मस्तूरी राजेश सिंह क्षत्री, ब्लॉक संयोजक कोटा अब्दुल गफ्फार खान, ब्लॉक संयोजक तखतपुर राजेश मिश्रा, सुनील चौधरी, सूरज सिंह क्षत्री, सुचित्र सिंह चंदेल, संजय राय, मनमोहन पटेल, सत्यनारायण तिवारी, बसंत नेताम, हेमंत शर्मा, सूर्यप्रकाश यादव, प्रशांत पांडेय, मंगल सिंह राजपूत, दिलहरण यादवअजय सिंह, रामगोपाल साहू, मदन लाल साहू, ललित सिदार, सूर्यकांत राजपूत, योगेश कुमार, जागेश्वर देवांगन, राकेश शुक्ला, दिलीप पाटले, लोचन कौशिक, दिलीप चंदेल, प्रताप पटेल, पुष्पा अनंत, निशा भागीरथी, सुतपा नाथ, अनामिका सिंह, एस.धर्मावती, मोनिका जॉन अंजू नवरंग, गुलाब साहू, राखी अग्रवाल, संगीता गौड़, नजमा खान, बी.एल.साहू, राजेश तिवारी, आलोक मिश्रा, रविन्द्र पांडेय, उमाशंकर चौधरी, बुधर्मम सूर्यवंशी, सहित शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जल संसाधन विभाग सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक तथा कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।