प्रदेश में धूमधाम से मनाया गया गणगौर पूजा, महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए रखा व्रत…

राजगांगपुर। गणगौर पूजन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा का ही दिन है। इस कड़ी में शहर के सुप्रसिद्ध सत्यनारायण मंदिर से विधिः वत पूजा अर्चना करने के बाद एक विशाल रैली मंदिर परिसर से निकाली गई।जो शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए बाबा तालाब स्थित होशियारी तालाब पहुंच कर समाप्त हो गई।


इस मौके पर शहर की महिलाओं समेत नव विवाहित महिलाओं ने भी इस पूजा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। मंदिर के पुजारी हीरालाल दधिचि ने बताया कि गण और गौर दो शब्दों से मिलकर बना है।गण का तात्पर्य है शिव और गौर का अर्थ है मां पार्वती।
वहीं दूसरी ओर उन्होंने बताया कि गणगौर का त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है और सोमवार यानी आज 4 अप्रैल को ये त्यौहार मारवाड़ी समाज में पूरे देश भर में मनाया जा रहा है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख शांति के लिए व्रत रखती है।


मान्यता है कि इस दिन शिव गौरी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। सभी महिलाएं सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए और पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं व्रत रखती है। विशेष तौर पर राजस्थान, हरियाणा और मध्यप्रदेश में यह त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।


इस मौके का सबसे अहम पहलू यह है कि गणगौर तीज के दिन कुंवारी और नवविवाहित महिलाएं गणगौरों को किसी भी नदी, तालाब में पानी पिलाती है और इसके अगले दिन शाम को इन्हें विसर्जित कर देती है। वहीं दूसरी ओर कुंवारी कन्या इस व्रत को मनचाहा पति पाने के लिए करती है।

